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आयकर रिटर्न भरने के लिए अपनाएं 'झटपट प्रोसेसिंग', 31 दिसंबर से पहले नहीं भरा ITR तो भरना होगा जुर्माना

इसी बीच आयकर विभाग ने एक बार फिर से लोगों के आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक खास ट्वीट किया है। इस ट्वीट में आयकर विभाग ने कहा है कि फाइल करो झट से प्रोसेसिंग होगी पट से।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 11:33 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:22 PM (IST)
आयकर रिटर्न भरने के लिए अपनाएं 'झटपट प्रोसेसिंग', 31 दिसंबर से पहले नहीं भरा ITR तो भरना होगा जुर्माना
Income tax dept introduces Jhatpat processing feature here all you need to know

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यदि आपने वित्तीय वर्ष 2019-20 (FY20) के लिए अभी तक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो आपको इसे 31 दिसंबर से पहले भर देना चाहिए। वित्त वर्ष 2019-20 यानी असेसमेंट ईयर 2020-21 का आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। इसी बीच आयकर विभाग ने एक बार फिर से लोगों के आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक खास ट्वीट किया है। इस ट्वीट में आयकर विभाग ने कहा है कि 'फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से'। 

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हालांकि, यह 'झटपट प्रोसेसिंग' तभी संभव है जब करदाताओं के आईटीआर का सत्यापन किया जा चुका हो, बैंक खाता पूर्व-वैध किया गया हो और कोई बकाया या आय विसंगति नहीं हो। एक वर्ष में एक निश्चित आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों के लिए ITR फाइलिंग अनिवार्य है। आम तौर पर करदाताओं को किसी भी वर्ष (जब तक सरकार द्वारा विस्तारित नहीं किया जाता है) 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करना होता है। इस वर्ष केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने महामारी के कारण FY2019-20 (AY2020-21) के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दी है।

मौजूदा आयकर कानूनों के तहत विभिन्न प्रकार के आकलनकर्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए कई तरह के फॉर्म उपलब्ध हैं, मसलन ITR 1, ITR 2, ITR 3, ITR 4, ITR 5, ITR 6 और ITR 7 ।

चुनें सही ITR Form

आपको कौन सा आईटीआर फॉर्म चुनना चाहिए, यह आमतौर पर दो-तीन चीजों पर निर्भर करेगा, जैसे कि कोई व्यक्ति भारतीय है या नहीं, किसी व्यक्ति या साझेदारी फर्म या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की क्षमता में रिटर्न दाखिल किया जा रहा है या नहीं, और आय का स्रोत और मात्रा।

ITR-1: 50 लाख तक की आय वाला केवल एक साधारण व्यक्ति (HUF नहीं) इस ITR को दर्ज कर सकता है। इसमें वेतन या पेंशन से आय, एक घर की संपत्ति से आय, अन्य स्रोतों से आय जैसे बैंक खाते से ब्याज (लॉटरी और घुड़दौड़ से जीत को छोड़कर, दूसरों के बीच) को शामिल किया जाता है। इसके अलावा 5,000 तक की कृषि आय वाले लोग इस ITR को दर्ज कर सकते हैं। 

ITR-3: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जो व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित कर रहे हैं, या एक व्यक्ति जो एक फर्म में भागीदार है।

ITR-4: यह कर फॉर्म उन लोगों पर लागू होता है, जिन्होंने प्रकल्पित कराधान योजना (PTS) का विकल्प चुना है। 


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