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लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष ऑडिट जरूरी : शक्तिकांत दास

ऑडिट की गुणवत्ता और गहराई में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के सलाह से कई कदम उठाए हैं।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 12:55 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 07:15 AM (IST)
लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष ऑडिट जरूरी : शक्तिकांत दास
Impartial audit essential for resilient economy says shaktikant Das

नई दिल्ली, पीटीआइ। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि लचीली अर्थव्यवस्था के लिए निष्पक्ष ऑडिटिंग जरूरी है, क्योंकि इससे नागरिकों में विश्वास पैदा होता है। नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स में अधिकारियों से बात करते हुए दास ने कहा कि ऑडिट देश के लिए जरूरी है क्योंकि सार्वजनिक व्यय के फैसले इन्हीं रिपोर्टों पर आधारित होते हैं। ऑडिट की गुणवत्ता और गहराई में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के ऑडिट में सुधार के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के सलाह से कई कदम उठाए हैं।

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हाल के कुछ उपायों को गिनाते हुए उन्होंने कहा, इस साल जनवरी में कमर्शियल बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक ऑडिटिंग सिस्टम को मजबूत किया गया था। दास ने कहा कि आरबीआई एक लचीले वित्तीय क्षेत्र के निर्माण के लिए बैंकों, एनबीएफसी में एक मजबूत शासन ढांचे पर जोर दे रहा है। उन्होंने कहा, वैश्वीकरण और वित्तीय प्रणाली की बढ़ती जटिलताओं के साथ एक अच्छी, स्थिर और जीवंत फाइनेंशियल सिस्टम के लिए एक सार्वजनिक वस्तु के रूप में ऑडिट महत्वपूर्ण हो गया है।

गवर्नर ने कहा कि ऑडिटर समुदाय से निरंतर आधार पर स्किल को अपडेट और बेहतर करने और अपने कार्य को सबसे प्रभावी तरीके से करने का आग्रह किया।

महंगे हो सकते हैं स्टील के उत्पाद

उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की भरपाई को जेएसडब्ल्यू स्टील लांग टर्म के ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स के लिए अपने इस्पात उत्पादों की बिक्री पर सरचार्ज लगाने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो जेएसडब्ल्यू स्टील घरेलू इस्पात बाजार में सरचार्ज की अवधारणा शुरू करने वाली पहली कंपनी होगी। जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) शेषागिरी राव ने कहा कि उत्पादन की लागत पर भारी दबाव है।

जुलाई-सितंबर में तिमाही आधार पर प्रति टन इस्पात उत्पादन की लागत 19 फीसदी या 6,600 रुपये बढ़ी है। कोकिंग कोयले की कीमत भी सिर्फ चार सप्ताह में 120 डालर प्रति टन से 400 डालर प्रति टन हो गई है। यह इस्पात मैन्यूफैक्चरिंग का प्रमुख कच्चा माल है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कंपनी उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने पर विचार कर रही है तो उन्होंने हां में जवाब दिया।


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