IMF ने भारत का विकास दर अनुमान घटाया, चालू वित्त वर्ष में 9.5 की वृद्धि दर की जतायी संभावना
Growth Outlook अंतरारष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का विकास दर अनुमान घटाकर 9.5 फीसद कर दिया है। संस्था ने इसके लिए कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर को मुख्य कारण बताया गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अंतरारष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का विकास दर अनुमान घटाकर 9.5 फीसद कर दिया है। संस्था ने इसके लिए कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर को मुख्य कारण बताया गया है। इस वर्ष अप्रैल में आइएमएफ ने इसे 12.5 फीसद तक रहने का अनुमान लगाया था। कई घरेलू एजेंसियां पहले ही भारत का विकास दर अनुमान घटा चुकी हैं। हालांकि आइएमएफ ने आगामी वित्त वर्ष (2022-23) में विकास दर 8.5 फीसद पर पहुंचने की बात कही है, जो पहले 6.9 फीसद बताई गई थी। कोष का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक हालात को देखते हुए ज्यादा तेजी से आगे बढ़ने की क्षमता रखती है।
इस रिपोर्ट में आइएमएफ ने कहा है कि दुनिया के किसी भी इलाके में इस बात की गारंटी नहीं दी जा सकती है कि वहां कोरोना के बाद तेजी से अच्छी रिकवरी होगी। इसमें भारत का उदाहरण खासतौर पर दिया गया है जिसके बारे में सारे अनुमानों को कोरोना की दूसरी लहर ने धता बता दिया है। इसने भारत में कोविड महामारी के खात्मे के लिए लगाई जा रही है वैक्सीन की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई है। संस्था का कहना है कि जी-20 देशों के संगठन में भारत और इंडोनेशिया में वैक्सीनेशन की रफ्तार सबसे धीमी है और इसका इनकी आर्थिक रिकवरी पर भी असर दिखाई देगा। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों में ज्यादा वैक्सीन मिलने की वजह से उनके आर्थिक हालात ज्यादा नहीं बिगड़ेंगे।
आइएमएफ की यह रिपोर्ट में भारतीय इकोनामी के आकार के बारे में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में यह 7.3 फीसद की गिरावट के आधार पर 2.87 लाख करोड़ डालर से घटकर 2.66 लाख करोड़ डालर का हो गया है। वर्ष 2024-25 तक इसके चार लाख करोड़ डालर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने वर्ष 2025 तक भारतीय इकोनामी को पांच लाख करोड़ डालर का आकार देने का लक्ष्य रखा है।
आरबीआइ व स्टैंडर्ड एंड पुअर्स जैसी प्रमुख संस्थाओं ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर का अनुमान 9.5 फीसद के आसपास रखा है। एशियाई विकास बैंक ने इस वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 10 फीसद, एसएंडपी ने 9.5 फीसद और विश्व बैंक ने 8.3 फीसद रहने की बात कही है। आइएमएफ ने वर्ष 21-22 में दुनिया की आर्थिक विकास दर छह फीसद और वर्ष 2022-23 में 4.9 फीसद रहने की बात कही है। आइएमएफ की चीफ इकोनामिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा है कि महामारी की वजह से वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में 2.3 फीसद की गिरावट होने की संभावना है।