कॉरपोरेट गवर्नेंस संकट के समाधान में वरदान साबित हुआ IL&FS मामला
इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (ILFS) के कर्ज संकट को सरकार कई मायनों में वरदान मानती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के कर्ज संकट को सरकार कई मायनों में वरदान मानती है। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने इस मामले को संकट के रूप में सामने आया वरदान बताते हुए कहा कि इसने कंपनियों में कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुददे को हमेशा के लिए खत्म कर देने के प्रति सरकार को कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
वर्ष 2018 की दूसरी छमाही में सामने आए आइएलएंडएफएस संकट के समाधन की प्रक्रिया जारी है और इसके इस वर्ष के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। यह मामला सामने आने के तुरंत बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय ने आइएलएंडएफएस के निदेशक बोर्ड को भंग कर दिया था और उसकी सभी इकाइयों समेत कई अन्य कंपनियों की जांच शुरू की थी। इस जांच के दायरे में कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों और ऑडिटर्स समेत कई अन्य पक्ष भी लाए गए।
देश की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एनबीएफसी के सेक्टर पर भी आइएलएंडएफएस संकट का बुरा असर पड़ा और उसमें एकाएक कर्ज की बेहद कमी हो गई। एनबीएफसी सेक्टर समेत सकल बाजार पर इस मामले के असर पर श्रीनिवास का कहना था कि इसने देश में कॉरपोरेट गवर्नेंस की कमजोर कड़ियों को खोलकर रख दिया। श्रीनिवास ने कहा, ‘मैं मानता हूं कि यह एक निर्णायक क्षण था। आइएलएंडएफएस जैसा ग्रुप जिसे सोने सा खरा माना जाता रहा था, वह एकाएक बुरे प्रबंधन और नियंत्रण के कुचक्र में फंसा निकला।’