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जून महीने में पॉजिटिव से निगेटिव हुई आईआईपी ग्रोथ

जून महीने के दौरान इंडस्ट्री की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 11 Aug 2017 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 07:19 PM (IST)
जून महीने में पॉजिटिव से निगेटिव हुई आईआईपी ग्रोथ
जून महीने में पॉजिटिव से निगेटिव हुई आईआईपी ग्रोथ

नई दिल्ली (जेएनएन)। साल 2017 के जून महीने के दौरान इंडस्ट्री की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली है। मासिक आधार पर जून महीने के दौरान आईआईपी ग्रोथ 1.7 फीसद से घटकर -0.1 फीसद रही है। मासिक आधार पर जून में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 1.2 फीसद से घटकर -0.4 फीसद रही है। वही माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी गिरावट हुई है और यह मई के -0.9 फीसद के मुकाबले 0.4 फीसद हो गई है।

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खास बात यह है कि मैन्यूफैक्चरिंग की आइआइपी में 77 फीसद की हिस्सेदारी है। इस गिरावट में खनन, बिजली उत्पादन, इंफ्रास्ट्रक्चर और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के खराब प्रदर्शन का भी हाथ रहा। जून 2016 में औद्योगिक उत्पादन आठ फीसद बढ़ा था।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से शुक्रवार को आइआइपी के आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है जब चालू वित्त वर्ष के दौरान औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। अप्रैल में आइआइपी 3.4 और मई में 2.8 फीसद रहा है। जहां तक अलग-अलग क्षेत्रों के प्रदर्शन का सवाल है तो कैपिटल गुड्स सेक्टर की हालत सबसे खराब रही।

निवेश का बैरोमीटर माने जाने वाले इस क्षेत्र का उत्पादन समीक्षाधीन माह में 6.8 फीसद गिर गया। जून, 2016 में कैपिटल गुड्स सेक्टर के उत्पादन में 14.8 फीसद का इजाफा हुआ था। इस साल जून में आइआइपी में सबसे बड़े हिस्सेदार मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 0.4 फीसद घटा है। इसके उलट पिछले वर्ष के समान माह में इस सेक्टर का उत्पादन 7.5 फीसद बढ़ा था।

समीक्षाधीन माह में खनन और बिजली क्षेत्र में क्रमश: 0.4 और 2.1 फीसद लुढ़क गया। कंज्यूमर ड्यूरेबल उद्योगों का उत्पादन भी 2.1 फीसद गिरा है। अलबत्ता नॉन-कंज्यूमर ड्यूरेबल सेगमेंट की वृद्धि दर में 4.9 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अगर उद्योगों के लिहाज से देखा जाए तो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर 23 में से 15 उद्योग समूहों के उत्पादन में गिरावट देखी गई है।

पहली तिमाही में धीमी रही रफ्तार: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर घटकर दो फीसद रह गई। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में आइआइपी बढ़ने की रफ्तार 7.1 फीसद थी।


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