अर्थव्यवस्था के सुस्ती से उबरने के संकेत
अर्थव्यवस्था में बेहतरी के संकेत दिखने लगे हैं। बीते दिन आए आंकड़ों में निर्यात में खासी बढ़ोतरी के बाद अब औद्योगिक उत्पादन बढ़ने और खुदरा महंगाई घटने की खबर आई है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बीते 13 महीनों की सबसे तेज वृद्धि दर है। यह रफ्तार इसलिए भी अहम है, क्योंकि इससे पहले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी आइआइपी की दर दो माह तक नकारात्मक रही थी। मई में खुदरा महंगाई की दर भी घटकर तीन माह के निचले स्तर
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था में बेहतरी के संकेत दिखने लगे हैं। बीते दिन आए आंकड़ों में निर्यात में खासी बढ़ोतरी के बाद अब औद्योगिक उत्पादन बढ़ने और खुदरा महंगाई घटने की खबर आई है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह बीते 13 महीनों की सबसे तेज वृद्धि दर है। यह रफ्तार इसलिए भी अहम है, क्योंकि इससे पहले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी आइआइपी की दर दो माह तक नकारात्मक रही थी। मई में खुदरा महंगाई की दर भी घटकर तीन माह के निचले स्तर 8.28 फीसद पर आ गई है। महंगाई में यह कमी सब्जियों, अनाज और डेयरी उत्पादों की कीमत में गिरावट के चलते आई है।
आइआइपी में वृद्धि मैन्यूफैक्चरिंग, खनन, बिजली क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन और पूंजीगत वस्तुओं के अधिक उत्पादन के चलते हुई है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की वृद्धि अप्रैल, 2013 में 1.5 प्रतिशत थी। आइआइपी में गिरावट बीते साल अक्टूबर से आनी शुरू हुई थी। उस समय इसमें 1.2 प्रतिशत की कमी आई थी। यह गिरावट दिसंबर तक जारी रही। जनवरी में इसमें सकारात्मक वृद्धि हुई, लेकिन फरवरी से फिर नकारात्मक होने लगी।
अच्छी बात यह है कि अप्रैल में मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही है। एक साल पहले समान महीने में यह 1.8 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन में मैन्यूफैक्चरिंग की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल समान महीने में इसमें 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। खनन क्षेत्र में 1.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज हुई है। एक साल पहले इसमें 3.4 प्रतिशत की कमी आई थी। इसी तरह अप्रैल में बिजली उत्पादन में 11.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले साल समान महीने में इसकी वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत थी।
हालांकि उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल में 5.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। एक साल पहले के समान माह में इसमें 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
खुदरा महंगाई में गिरावट
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन [सीएसओ] के मुताबिक मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 8.28 प्रतिशत रह गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर अप्रैल में 8.59 प्रतिशत थी। ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर शहरों की अपेक्षा अधिक है। मई में गांवों में महंगाई दर 8.86 प्रतिशत तथा शहरों में 7.55 प्रतिशत रही। खुदरा महंगाई दर मार्च में 8.31 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई की दर भी मई में घटकर 9.56 प्रतिशत रही।
मई में सब्जियों के भाव 15.27 प्रतिशत बढ़े, जबकि अप्रैल में यह 17.5 प्रतिशत थी। इसी तरह अनाज की मूल्य वृद्धि भी मई में 8.81 प्रतिशत रही, जो कि अप्रैल में 9.67 प्रतिशत थी। मई में दूध और दुग्ध उत्पादों की कीमत में 11.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस महीने में खाद्य और पेय पदार्थो की महंगाई दर 9.4 प्रतिशत रही। फलों की कीमत में 23.17 प्रतिशत बढ़ी।