आईआईपी के आंकड़ों में आया सुधार, सितंबर में रही 0.7 फीसदी की ग्रोथ
एफएमसीजी गुड्स के दम पर सितंबर माह के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में ग्रोथ दर्ज की गई है। इससे पहले यह लगातार दो महीने निगेटिव जोन में रहा था।
नई दिल्ली: एफएमसीजी गुड्स के दम पर सितंबर माह के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) में ग्रोथ दर्ज की गई है। इससे पहले यह लगातार दो महीने निगेटिव जोन में रहा था। सितंबर महीने में आईआईपी 0.7 फीसदी रहा, जबकि अगस्त महीने में इसमें 0.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं बीते वर्ष की तुलना में आईआईपी में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। पिछले वर्ष सितंबर में आईआईपी में 3.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी। जुलाई में आईआईपी में 2.49 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
इस वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान आईआईपी की ग्रोथ निगेटिव जोन में है। वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान आईआईपी में 0.1 फीसदी की कमी आई, जबकि बीते वर्ष इस दौरान इसमें 4 फीसदी की ग्रोथ रही थी।
कंज्यूमर-ड्यूरेबल गुड्स में 14 फीसदी ग्रोथ:
सितंबर में कंज्यूमर-ड्यूरेबल गुड्स में 14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है। जबकि, बीते वर्ष यह ग्रोथ 8.5 फीसदी रही। अगस्त महीने में कंज्यूमर ड्यूरेबल में 2.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। वहीं कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स में ग्रोथ 0.1 फीसदी दर्ज हुई, जबकि पिछले वर्ष यह -3.6 फीसदी (निगेटिव जोन) रही थी।
मैन्युफैक्चरिंग में 0.9 फीसदी की ग्रोथ:
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स की ओर से जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 0.9 फीसदी की ग्रोथ रही, जबकि पिछले साल सितंबर में इस सेक्टर में ग्रोथ 2.7 फीसदी दर्ज हुई थी। अगस्त की मैन्युफैक्चरिंग में 0.3 फीसदी की गिरावट आई थी। आईआईपी इंडेक्स में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का हिस्सा 75 फीसदी है।
निगेटिव जोन में माइनिंग सेक्टर:
इस साल सितंबर में माइनिंग सेक्टर निगेटिव जोन में था। सितंबर के दौरान माइनिंग में ग्रोथ -3.1 फीसदी दर्ज हुई, जबकि एक वर्ष पहले यह ग्रोथ 3.5 फीसदी रही थी। अगस्त में इस सेक्टर में 5.6 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं, कंज्यूमर गुड्स ग्रोथ 6 फीसदी दर्ज हुई, जबकि पिछले साल सितंबर में यह 12 फीसदी थी।
कैपिटल गुड्स में गिरावट:
सितंबर में कंज्यूमर गुड्स में ग्रोथ 6 फीसदी रही, जबकि पिछले साल यह 1.2 फीसदी थी। कैपिटल गुड्स में ग्रोथ सितंबर के दौरान -21.6 फीसदी रही। वहीं इंटरमीडिएट गुड्स ग्रोथ 2.2 फीसदी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल यह 1.8 फीसदी थी।