कॉरपोरेट टैक्स में कमी से MNC का मुकाबला कर पाएंगी भारतीय कंपनियां: IHS Markit
IHS Markit की इस रिपोर्ट में एक जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू किये जाने को भी बड़े आर्थिक सुधारों में गिना गया है।
नई दिल्ली, पीटीआई। कॉरपोरेट टैक्स में कमी से भारतीय कंपनियों को दुनियाभर की कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में मदद मिलेगी। आइएचएस मार्किट की एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम मध्यम अवधि में निवेश बढ़ाने में मददगार साबित होगा। आइएचएस मार्किट ने कहा है कि हाल की तिमाहियों में देश में आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती के संकेत मिल रहे थे और कॉरपोरेट दर में कमी से जुड़े उपाय से यह बात परिलक्षित होती है। उसमें कहा गया है कि इस फैसले से भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि इससे देश की कंपनियां दूसरे देशों की बड़ी कंपनियों से मुकाबले के लिए सक्षम हो सकेंगी।
आइएचएस मार्किट की रिपोर्ट में कहा गया है, ''भारत सरकार ने 20 सितंबर को कॉरपोरेट टैक्स रेट को लेकर बड़े सुधार की घोषणा की। ऐसी उम्मीद थी कि एशिया की अन्य इंडस्ट्रियल अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में कॉरपोरेट टैक्स रेट को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये इस तरह का कोई कदम उठाया जाएगा।’’
इस रिपोर्ट के मुताबिक कॉरपोरेट कर की निम्न दर से कंपनियों में निवेश की स्थिति में सुधार होगा। उसने कहा है, ‘‘ओईएसडी में औसत कॉरपोरेट टैक्स वर्ष 2000 में 32.50 फीसद पर था जो 2018 में कम होकर 23.90 फीसद रह गया। अमेरिका और ब्रिटेन में हाल के कुछ वर्षों में कॉरपोरेट टैक्स में काफी कटौती देखने को मिली है।’’
उल्लेखनीय है कि घरेलू मांग में कमी के चलते अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। आरबीआई इस साल चार मौकों पर नीतिगत दरों कटौती कर चुका है। वहीं, जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में घटकर पांच फीसद रह गई। यह 2013 के बाद की आर्थिक वृद्धि की सबसे सुस्त रफ्तार है।
इस रिपोर्ट में एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी लागू किये जाने को भी बड़े आर्थिक सुधारों में गिना गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले शुक्रवार को कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 22 फीसद पर लाने की घोषणा की थी। इसके अलावा नई कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए भी कॉरपोर्ट टैक्स में कमी का ऐलान किया गया था।