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आइडिया-वोडाफोन मर्जर: CCI के बाद SEBI और Stock Exchanges ने दी सशर्त मंजूरी

SEBI और स्टॉक एक्सचेंज ने आइडिया और वोडाफोन के विलय को सशर्त मंजूरी दे दी है

By Surbhi JainEdited By: Published: Tue, 08 Aug 2017 12:07 PM (IST)Updated: Tue, 08 Aug 2017 12:07 PM (IST)
आइडिया-वोडाफोन मर्जर: CCI के बाद SEBI और Stock Exchanges ने दी सशर्त मंजूरी
आइडिया-वोडाफोन मर्जर: CCI के बाद SEBI और Stock Exchanges ने दी सशर्त मंजूरी

नई दिल्ली (पीटीआई)। पूंजी बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के मर्जर को शर्त के साथ मंजूरी दे दी है। यह डील करीब 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर (23 अरब डॉलर) की बताई जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि नियामक इस डील को लेकर इनसाइडर ट्रेडिंग के एक मामले की जांच कर रहा है, जो कि मंजूरी पर भी असर डाल सकता है। इसके अलावा मर्जर डील के लिए पब्लिक शेयरहोल्डर्स और नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) से भी मंजूरी की जरुरत होगी। गौरतलब है कि वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के मर्जर का ऐलान मार्च में हुआ था।

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सीसीआई दे चुका है मंजूरी:
वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के मर्जर को कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) से मंजूरी मिल चुकी है। बीएसई और एनएसई ने कहा कि सेबी ने मंजूरी के लिए जो भी शर्तें तय की हैं, उन्हें एनसीएलटी से मंजूरी लेते वक्त सामने रखा जाना चाहिए। सेबी के नो-ऑब्जेक्शन से कंपनियां ड्राफ्ट स्कीम को एनसीएलटी के सामने फाइल कर पाएंगी।

सेबी कर रहा है जांच:
ड्राफ्ट स्कीम पर सेबी ने कहा है कि उसे शिकायत मिली थी कि आइडिया सेल्युलर के एक प्रमोटर ने मर्जर के ऐलान से पहले कंपनी के 0.23 फीसद शेयर खरीदे थे, जो सिक्योरिटी लॉ के मुताबिक नहीं हैं। सेबी ने कहा था कि वो इन कथित आरोपों की जांच कर रहा है।

मर्जर से क्या कुछ होगा:

• टेलीकॉम कंपनियों के विलय की बदौलत सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। वोडाफोन और आइडिया एक-दूसरे की टेक्नोलॉजी और संसाधनों का इस्तेमाल कर पाएंगे। इससे उनकी लागत घटेगी और सर्विस बेहतर होगी।

• आइडिया-वोडाफोन विलय से बनने वाली नई कंपनी को कम कर्मचारियों की जरूरत होगी। ऐसे में छंटनी की आशंका जताई जा रही है। कुमार मंगलम बिड़ला ने इसके संकेत भी दिए हैं।

• दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद आइडिया और वोडाफोन एक ही नेटवर्क का उपयोग करेंगी। इससे दोनों कंपनियों के ग्राहकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

• इस विलय के बाद दोनों कंपनियों के ग्राहक 38 करोड़ हो जाएंगे। कंपनियां अपने सर्किल और नेटवर्क का विस्तार करेंगी जिसका फायदा दोनों कंपनियों के मौजूदा और नए ग्राहकों को होगा।

• विलय के बाद दोनों कंपनियां देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हो गई है। कंपनी इस मौके को भुनाने के लिए नए-नए और आकर्षक ऑफर पेश करेगी।


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