ICICI बैंक बोर्ड की बैठक आज, विवादों पर चर्चा संभव
बोर्ड बैठक में बैंक और वीडियोकॉन विवाद तथा कॉरपोरेट गवर्नेस से जुड़े मामले उठने की भी पूरी संभावना है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश के सबसे बड़े निजी कर्जदाता आइसीआइसीआइ बैंक के निदेशक बोर्ड की बैठक सोमवार यानी आज होने वाली है। यह बैठक बैंक के पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2018) के नतीजों को लेकर होनी है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में बैंक और वीडियोकॉन विवाद तथा कॉरपोरेट गवर्नेस से जुड़े मामले उठने की भी पूरी संभावना है। हालांकि यह बोर्ड के चेयरमैन एम. के. शर्मा पर निर्भर करेगा कि वे बैठक में नतीजों के अलावा किन मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देते हैं।
बैठक के बारे में बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘सोमवार को होने वाली बैठक में इस वर्ष मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए ऑडिट किए हुए वित्तीय नतीजों के अनुमोदन पर चर्चा होगी। इसके अलावा रोजमर्रा के कुछ मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।’ बैंक द्वारा कुछ कंपनियों को दिए कर्ज को लेकर पिछले दिनों बैंक की सीईओ चंदा कोचर के साथ हितों के टकराव का सीधा मामला सामने आया है।
इनमें से एक मामला वीडियोकॉन ग्रुप का भी है, जिसके तहत आरोप है कि बैंक द्वारा ग्रुप को मुहैया कराए गए कर्ज के एवज में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को उपकृत किया गया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) और आयकर विभाग (आइटी) समेत कई अन्य संस्थाएं इस मामले की जांच कर रही हैं। इस मामले को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी के पूर्व प्रमुख एम. दामोदरन का कहना था कि चंदा कोचर के लिए एक विकल्प यह है कि वे जांच पूरी होने तक तीन-चार महीनों के लिए पद छोड़ दें।
वर्तमान में आइसीआइसीआइ बैंक के बोर्ड में चेयरमैन और सरकार नामित निदेशक समेत कुल सात स्वतंत्र निदेशक हैं। कॉरपोरेट गवर्नेस से समझौते का मामला इस वर्ष मार्च में कंपनी के एक निदेशक अरविंद गुप्ता ने उठाया था। उन्होंने बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये कर्ज दिए जाने के एवज में बैंक की सीईओ व उनके परिवार के सदस्यों को वित्तीय रूप से उपकृत करने का आरोप लगाया था।
मामले में मुख्य आरोप यह था कि वीडियोकॉन ग्रुप ने दीपक कोचर नियंत्रित कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में पूंजी लगाई। आरोप यह भी है कि मॉरीशस स्थित फर्स्टलैंड होल्डिंग्स ने न्यूपावर में 325 करोड़ रुपये लगाए। फर्स्टलैंड होल्डिंग्स का मालिकाना हक एस्सार ग्रुप के सह संस्थापक रवि रुइया के दामाद निशांत कनोडिया के पास है। यह निवेश दिसंबर, 2010 में किया गया। संयोगवश, उसी महीने आइसीआइसीआइ बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम ने एस्सार स्टील मिनेसोटा एलएलसी को 53 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया, जो बाद में फंसा कर्ज (एनपीए) घोषित कर दिया गया। आरबीआइ ने वर्ष 2016 में मामले की छानबीन के बाद फर्स्टलैंड होल्डिंग्स के मालिकाना हक पर सवाल उठाए थे।