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आईसीआईसीआई बैंक चंदा कोचर मामले को सेबी की सहमति के साथ निपटाने के पक्ष में

त्यागी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक ने कथित नियामकीय चूक मामले की जांच में कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:21 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 12:22 PM (IST)
आईसीआईसीआई बैंक चंदा कोचर मामले को सेबी की सहमति के साथ निपटाने के पक्ष में
आईसीआईसीआई बैंक चंदा कोचर मामले को सेबी की सहमति के साथ निपटाने के पक्ष में

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईसीआईसीआई बैंक कथित नियामकीय चूक के मामले को सुलझाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ बातचीत कर रहा है। इस मामले में बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर का नाम शामिल हैं। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने यह भी कहा कि बैंक ने चंदा कोचर से संबंधित मामलों का निपटान सहमति की व्यवस्था के तहत करने का आग्रह किया है।

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निपटान सहमति की व्यवस्था के अंतर्गत कथित अनियमितताओं की स्वीकारोक्ति या इनकार किए बिना सेबी की ओर से जांच का सामना करने वाली इकाई कुछ फीस और प्रतिबंधों के अधीन होती है। इसके बाद नियामक अपने सभी आरोपों को वापस ले लेता है और जांच को इस संदर्भ में रोक देता है कि सभी खुलासे सही हैं।

त्यागी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक ने कथित नियामकीय चूक मामले की जांच में कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता ने बताया, "हमने सेबी के ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने निपटारे के लिए कोई आवेदन दायर नहीं किया है।"

जानकारी के लिए आपको बता दें कि सेबी ने आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को 24 मई 2018 को एक नोटिस भेजा था जो कि एससीआर के नियम 4(1) (जांच अधिकारी की ओर से जुर्माना जांच और जुर्माना लगाने के लिए प्रक्रिया) नियम 2005 के तहत भेजा गया था।


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