Move to Jagran APP

Omicron से Economy को कितना नुकसान? RBI ने दी राहत भरी खबर

ओमिक्रोन से अर्थव्यवस्था में सुधार की गति के बुरी तरह से प्रभावित होने की जो आशंका बनी थी वह धीरे-धीरे कम हो रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने संकेत दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था की संभावनाएं निकट भविष्य में और दीर्घकालिक समयावधि में मजबूत बनी रहेंगी।

By Lakshya KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 01:05 PM (IST)
Omicron से Economy को कितना नुकसान? RBI ने दी राहत भरी खबर
Omicron से Economy को कितना नुकसान? RBI ने दी राहत भरी खबर

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ओमिक्रोन से अर्थव्यवस्था में सुधार की गति के बुरी तरह से प्रभावित होने की जो आशंका बनी थी, वह धीरे-धीरे कम हो रही है। एक तरफ तो कई राज्यों की ओर से साफ कर दिया गया है कि वो आर्थिक गतिविधियों को पूरी तरह से बंद नहीं करने जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ तमाम रिपोर्ट आ रही हैं कि ओमिक्रोन संक्रमण बढ़ने के बावजूद लोगों को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी संकेत दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था की संभावनाएं निकट भविष्य में और दीर्घकालिक समयावधि में मजबूत बनी रहेंगी।

loksabha election banner

सोमवार को आरबीआइ की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में घरेलू इकोनॉमी की जो समीक्षा की गई है कि वह सरकार के साथ ही शेयर बाजार और उद्योग जगत को भी काफी भरोसा दिलाएगी। रिपोर्ट में ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका से आने वाली रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि ओमिक्रोन 66 फीसद से 80 फीसद तक कम घातक है। अस्पताल जाने की जरूरत भी कम है। ऐसे में इकोनॉमी में सुधार को लेकर उम्मीदें और मजबूत हुई हैं।

देश की मौद्रिक और ऋण की स्थिति भी सुधर रही है। कर्ज वितरण की रफ्तार भी सुधर रही है। डिजिटल भुगतान में भी भारत की स्थिति काफी बेहतर है। भारत में डिजिटल भुगतान की राशि वर्ष 2021 में 300 अरब डॉलर थी, जो वर्ष 2026 तक 1000 अरब डॉलर हो सकती है। यह भी संकेत है कि सप्लाई चेन को लेकर जो दिक्कतें थी, वह भी खत्म हो रही हैं और माल ढुलाई की लागत में भी कमी आ रही है। एक समस्या महंगाई की है, जिसको कम होने में कुछ समय लग सकता है।

आरबीआइ का यह रुख पिछले महीने की शुरुआत में जारी मासिक रिपोर्ट से काफी अलग है, जब उसने ओमिक्रोन को लेकर सतर्क रहने की बात की थी।आरबीआइ ने दूसरे और भी कई आंकड़े पेश करके यह जताने की कोशिश की है कि इकोनॉमी के समक्ष चिंता से ज्यादा संभावनाएं हैं। मसलन, देश में विदेशी मुद्रा भंडार का आकार 632.7 अरब डॉलर का है, जो देश के 13 महीनों के आयात बिल के बराबर है।

शेयर बाजार में काफी उत्साह है और बाजार से पूंजी जुटाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2021 में 64 कंपनियों ने 1.2 लाख करोड़ रुपये बाजार से जुटाये हैं जबकि वर्ष 2020 में 14 कंपनियों ने 26,312 करोड़ रुपये जुटाये थे। वर्ष 2021 में भारतीय शेयर बाजार ने विकासशील देशों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले देशों में तीसरे स्थान पर है।

आरबीआइ की ओर से यह भी कहा है कि राज्यों की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में भी काफी बेहतरी देखने को मिल रही है। अप्रैल से नवंबर, 2021 के दौरान राज्यों के स्टेट जीएसटी शुल्क संग्रह में 35.2 फीसद और बिक्री कर संग्रह में 37.3 फीसद की वृद्धि हुई है। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2021) में कुल जीएसटी संग्रह 3.9 लाख करोड़ रुपये का रहा है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.