रियल एस्टेट सेक्टर को गति देने के लिए स्टांप ड्यूटी में कमी पर विचार करें राज्य सरकारः आवास एवं शहरी मामलों के सचिव
नान्जिया एंडरसन इंडिया के साथ मिलकर क्रेडाई द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को रिवाइवल के लिए पिछले साल में कई तरह के कदम उठाए हैं। इनमें रियल्टी सेक्टर से जुड़े कानून रेरा का क्रियान्वयन भी शामिल है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बुधवार को राज्य सरकारों से संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टांप शुल्क में कमी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे रियल एस्टेट से जुड़े कुल खर्च में कमी आएगी और घरों की बिक्री बढ़ेगी। नान्जिया एंडरसन इंडिया के साथ मिलकर क्रेडाई द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को रिवाइवल के लिए पिछले छह साल में कई तरह के कदम उठाए हैं। इनमें रियल्टी सेक्टर से जुड़े कानून रेरा का क्रियान्वयन भी शामिल है।
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उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रियल एस्टेट सेक्टर सेक्टर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए लॉकडाउन के दौरान कई तरह के कदम उठाए।
मिश्रा ने कहा, ''पिछले छह साल और लॉकडाउन के दौरान उठाए गए कदमों का असर दिखने लगा है।''
सचिव ने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र में प्रोपर्टी की रजिस्ट्री की स्थिति बेहतर हुई है और कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्टांप ड्यूटी में कमी का अच्छा फैसला किया है।
मिश्रा ने कहा, ''हमने सभी राज्यों को लिखा है। मैं विभिन्न राज्यों के प्रधान सचिवों एवं सचिवों से फॉलोअप कर रहा हूं कि क्या वे इस तरह का कोई कदम उठा सकते हैं, जिससे लागत कम करने में मदद मिलेगी।''
सचिव ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर भारतीय इकोनॉमी के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और रोजगार सृजन में इसका बहुत अधिक योगदान होता है।