HDFC Bank और Canara Bank ने घटायी ब्याज दर; Home Loan, Auto Loan हुआ और सस्ता
बैंक अगर MCLR बढ़ाते या घटाते हैं तो नए लोन लेने वालों के लिए सुविधा होती है। इसके अलावा इसका असर उन ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। बता दें कि अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक की ओर से लोन
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। केनरा बैंक और HDFC बैंक ने अपने मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट MCLR में कटौती की है। इस कटौती के बाद इन बैंकों का लोन सस्ता हो जाएगा। कैनरा बैंक ने एक दिन और एक महीने की अवधि के लिए MCLR में 0.1 फीसद की कटौती की है। बैंक ने सोमवार इस बारे में जानकारी दी। बैंक ने एक बयान में बताया कि ओवरनाइट और एक महीने के लिए एमसीएलआर अब 6.7 फीसद है। इसके अलावा तीन महीने के लिए एमसीएलआर 6.95 फीसद, छह महीने के लिए एमसीएलआर 7.30 फीसद और एक साल के लिए एमसीएलआर 7.35 फीसद है। हालांकि, रेपो से जुड़ी उधारी दर (आरएलएलआर) 6.90 फीसद पर यथावत है।
HDFC बैंक
HDFC बैंक की ओवरनाइट MCLR 6.85 फीसद है। एक महीने की अवधि के लिए 6.9 फीसद है। जबकि, बैंक की तीन महीने के लिए एमसीएलआर 6.95 फीसद है। 6 महीने की अवधि के लिए 7.05 फीसद है। वहीं, बैंक में 1 साल की अवधि के लिए यह दर 7.2 फीसद है। बैंक की 2 साल के लिए बात करें तो एमसीएलआर 7.3 फीसद है. HDFC बैंक की एमसीएलआर 3 साल की अवधि के लिए 7.4 फीसद है।
क्या होता है MCLR
बैंक अगर MCLR बढ़ाते या घटाते हैं तो नए लोन लेने वालों के लिए सुविधा होती है। इसके अलावा इसका असर उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। बता दें कि अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक की ओर से लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट को बेस रेट कहा जाता था। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक इससे कम दर पर ग्राहक को लोन नहीं दे सकते थे। 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में MCLR को लागू किया गया और यह लोन के लिए न्यूनतम दर बन गई। उसके बाद MCLR के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा।