नए नोटों की समीक्षा करे केंद्र और आरबीआइ: हाई कोर्ट
दृष्टिहीनों को नोटों के आकार और कुछ विशेष चिह्न टेक्टाइल मार्क नहीं होने की वजह से दिक्कत हो रही है
नई दिल्ली (बिजनेस डेक्स)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की ओर से जारी 200 और 50 के नए नोटों की डिजाइन पर ही सवाल खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की ने इन्हें लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कहा गया है कि नए नोटों में दृष्टिहीन लोगों के लिए किसी भी प्रकार का पहचान चिह्न नहीं रखा गया है। इससे वे दोनों मूल्य वर्ग के नोटों के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार व आरबीआइ को नए नोटों की समीक्षा करने के लिए कहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरीशंकर की पीठ ने कहा है कि उन्होंने 200 और 50 रुपये के नए नोटों को खुद देखा है। ऐसा लगता है कि दृष्टिहीनों को इसे पहचानने में परेशानी होती होगी। यह दिक्कत नोटों के आकार और कुछ विशेष चिह्न टेक्टाइल मार्क नहीं होने की वजह से हो रही है। नोटों की छपाई में इस पहलू को दरकिनार कर दिया गया।
सरकार और आरबीआइ को दृष्टिहीनता संबंधी विशेषज्ञों से संपर्क कर इस समस्या को तत्काल दूर करना चाहिए। कोर्ट ने सरकार और केंद्रीय बैंक को 31 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।