Gold Jewellery पर अगले साल से अनिवार्य होगी हॉलमार्किंग, लेकिन इन राज्यों में नहीं है कोई व्यवस्था
Gold Jewellery hallmarking रामविलास पासवान ने शुक्रवार को एलान किया कि 15 जनवरी 2021 से देशभर में Gold Jewellery और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सोने के गहनों की हॉलमार्किंग 15 जनवरी, 2021 से होगी अनिवार्य होने वाली है, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों में सोने की शुद्धता की पहचान और हॉलमार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम, लद्दाख, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दादरा एवं नगर हवेली, दमन व दीव तथा लक्षद्वीप में एक भी गोल्ड हॉलमार्किंग सेंटर नहीं है।
इस बारे में केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सोने की शुद्धता की पहचान और हॉलमार्किंग सेंटर की स्थापना स्थानीय स्तर पर निजी कारोबारियों द्वारा की जाती है। जिन बाजारों में ऐसे केंद्रों की जरूरत महसूस हुई है, वहां निजी कंपनियों ने अपनी लाभ-हानि को देखते हुए वहां ऐसे केंद्र स्थापित किए हैं। वर्तमान में देशभर के 234 जिलों में ऐसे सेंटर काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा 123 सेंटर महाराष्ट्र में हैं। दिल्ली में इस वक्त 41 ऐसे केंद्र काम कर रहे हैं।
करीब एक सप्ताह पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को एलान किया कि 15 जनवरी, 2021 से देशभर में सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। इसके लिए अधिसूचना अगले वर्ष 15 जनवरी तक जारी कर दी जाएगी, और जौहरियों को पुराना स्टॉक निकालने के लिए एक वर्ष की मोहलत दी जाएगी। हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने से ग्राहकों को शुद्ध सोना मिलेगा। वर्तमान में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग ऐच्छिक है।
क्या होती है हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का प्रमाण होता है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए अधिकृत अथॉरिटी है। बीआईएस उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अधीन है। ब्यूरो ने सोने के गहनों की हॉलमार्किंग के लिए तीन ग्रेड 14 कैरट, 18 कैरट और 22 कैरट में स्टैंडर्ड निर्धारित किए हैं। मंत्रालय के अनुसार, ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए सोने के गहनों की हॉलमार्किंग अनिवार्य है।