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Hallmark Jewellery खरीदने की सलाह बार-बार क्‍यों दे रही सरकार, जानिए इसका महत्‍व

दिवाली पर अगर आप जेवरात खरीदने जा रहे हैं तो पहले यह खबर पढ़ लें। सरकार ने ग्राहकों को दिवाली के मौके पर सिर्फ हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदने की सलाह दी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि सुनारों को Hallmarking वाले जेवरात बेचने को अनिवार्य बना दिया गया है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 08:34 AM (IST)
Hallmark Jewellery खरीदने की सलाह बार-बार क्‍यों दे रही सरकार, जानिए इसका महत्‍व
अगर कोई बिना हालमार्क का जेवरात बेचता है तो इससे ग्राहकों को नुकसान होगा।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। दिवाली पर अगर आप जेवरात खरीदने जा रहे हैं तो पहले यह खबर पढ़ लें। सरकार ने ग्राहकों को दिवाली के मौके पर सिर्फ हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदने की सलाह दी है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि सुनारों को Hallmarking वाले जेवरात बेचने को अनिवार्य बना दिया गया है। अगर कोई बिना हालमार्क का जेवरात बेचता है तो इससे ग्राहकों को नुकसान होगा। Hallmark से सोने के जेवरात की प्‍योरिटी सुनिश्चित होती है।

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भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने लोगों से बीआईएस-पंजीकृत जौहरियों से केवल हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण / चांदी के आभूषण और कलाकृतियां खरीदने के लिए कहा है। अगर हॉलमार्क का चिह्न आंख से दिखाई नहीं दे रहा है, तो जौहरी से उसे देखने के लिए मैग्निफाइंग ग्लास मांगें।

देश के 256 जिलों में 23 जून, 2021 से 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों/कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। ये 256 जिले ऐसे जिले हैं, जहां कम से कम 1 परख केन्द्र और हॉलमार्किंग केंद्र है। हॉलमार्क वाले आभूषण केवल BIS-पंजीकृत सर्राफा कारोबारियों द्वारा ही बेचे जा सकते हैं। सरकार ने उपभोक्ताओं से आभूषण खरीद के बिल लेने को भी कहा है।

बयान में कहा गया है, हॉलमार्क वाले आभूषणों की बिक्री के बिल या चालान में प्रत्येक वस्तु का अलग-अलग विवरण, कीमती धातु का शुद्ध वजन, कैरेट में शुद्धता और हॉलमार्किंग शुल्क का उल्लेख होगा। सोने की कीमतों में नरमी से भी खरीदारी बढ़ी। हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस को कीमती धातुओं से लेकर बर्तनों तक की खरीदारी के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। व्यापारियों को उम्मीद है कि सोने की बिक्री महामारी से पहले के स्तर को हासिल कर लेगी।

व्यापारियों ने यह भी कहा कि बाजार में लोगों की भीड़ बढ़ी और यह सिलसिला बुधवार सुबह तक जारी रहेगा। सोने की कीमत मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में 46,000-47,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (करों को छोड़कर) के दायरे में थीं, जो इस साल अगस्त में 57,000 रुपये से अधिक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि, सोने की दर अभी भी धनतेरस 2020 के भाव 39,240 रुपये प्रति 10 ग्राम की तुलना में 17.5 प्रतिशत अधिक है।

एक अनुमान के मुताबिक धनतेरस के दिन 100-150 टन सोना (महामारी से पहले के वर्षों में) बेचा जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पी आर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मांग में कमी, कीमतों में नरमी और अच्छे मानसून के साथ ही लॉकडाउन संबंधी प्रतिबंधों में राहत से मांग में जोरदार उछाल की उम्मीद है। हम उम्मीद करते हैं कि यह तिमाही हाल के वर्षों में सबसे बेहतरीन तिमाही होगी।


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