प्राथमिकता के आधार पर जारी करें जीएसटी रिफंड: सीबीईसी
सरकार ने हाल ही में जीएसटी के रिटर्न जीएसटीआर-1 को दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर कारोबारियों को राहत दी है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी का सुचारु क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और कारोबारियों की तकलीफें दूर करने की दिशा में सरकार ने एक और कदम उठाया है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी का रिफंड जारी करने में तत्परता दिखाएं। खासकर निर्यातकों को प्राथमिकता के आधार पर रिफंड जारी करने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीईसी की प्रमुख वनजा एन. सरना ने सभी शीर्ष अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ कहा है कि सरकार की प्राथमिकता में जीएसटी रिफंड के मामलों का शीघ्र निपटारा करना इस समय प्राथमिकता में ऊपर हैं। सभी मुख्य आयुक्तों को रिफंड के दावों की स्वीकृति प्रक्रिया की लगातार निगरानी करनी चाहिए ताकि इसमें विलंब न हो। साथ ही इसकी रिपोर्ट बोर्ड के पास भी भेजनी चाहिए।
सरना ने यह पत्र ऐसे समय लिखा है जब सीबीईसी के सदस्य (जीएसटी) ने भी इस संबंध में फील्ड अधिकारियों को एक पत्र लिखकर अलग-अलग जोन में रिफंड के लिए दाखिल किए गए आवेदनों का ब्यौरा भेजा है। इसमें स्पष्टत: रिफंड की जोनवार स्थिति बतायी गयी है। सूत्रों ने कहा कि बोर्ड ने निर्यात पर चुकाए गए आइजीएसटी के रिफंड को भी शीघ्र जारी करने का आदेश दिया है। बोर्ड इसके भुगतान की प्रक्रिया पर करीब से नजर रख रहा है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कारोबारियों ने कितनी धनराशि के लिए जीएसटी रिफंड का दावा किया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक दिन पहले ही जीएसटी के रिटर्न जीएसटीआर-1 को दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर कारोबारियों को राहत दी है। इससे पहले जीएसटी काउंसिल सालाना डेढ़ करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए नियमों में पहले ही छूट दे चुकी है। काउंसिल की अगली बैठक अब जनवरी में दिल्ली में होगी। माना जा रहा है कि इसमें जीएसटी संग्रह के ट्रेंड की समीक्षा के साथ-साथ कारोबारियों के सामने आ रही दिक्कतों पर भी विचार किया जा सकता है।