अप्रैल-दिसंबर के दौरान 48,555 करोड़ रुपये की जीएसटी, एक्साइज और सर्विस टैक्स चोरी पकड़ी गई
अप्रैल-दिसंबर के बीच सेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स और GST की चोरी के 8917 मामले सामने आए, जिसकी कुल राशि 8,555.06 करोड़ रुपये रही
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से दिसंबर अवधि के दौरान 48,555 करोड़ रुपये की जीएसटी, सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स चोरी के मामले पकड़े गए हैं जो कि दो साल में उच्चतम स्तर है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी।
अप्रैल-दिसंबर के बीच सेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स और GST की चोरी के 8917 मामले सामने आए, जिसकी कुल राशि 8,555.06 करोड़ रुपये रही। इनमें से दिसंबर महीने तक सेंट्रल जीएसटी फॉर्मेशंस की ओर से GST चोरी/उल्लंघन के 3626 मामलों की गई। शुक्ला ने आगे बताया,"इस जांच के आधार पर पता चला कि इन 3626 मामलों में लगभग 15278.18 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की गई है।"
उन्होंने आगे कहा कि अप्रैल से दिसंबर 2018 के बीच 9959.29 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की रिकवरी हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स और जीएसटी चोरी के 6,815 मामले देखे गए जिनमें कुल 32,204.49 करोड़ रुपये की कर चोरी हुई है।
वहीं वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स चोरी के 10,212 मामले देखे गए हैं जिनमें 23,618.52 करोड़ रुपये की कुल राशि शामिल रही। अगर रिकवरी की बात करें तो वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान और वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान यह क्रमश: 6,107.88 करोड़ रुपये और 4,579.94 करोड़ रुपये रही है। जबकि जीएसटी, एक्साइज और सर्विस टैक्स सभी को मिलाकर कुल टैक्स चोरी की रिकवरी दिसंबर 2018 तक 13907.83 करोड़ रुपये की रही है।