Move to Jagran APP

GST काउंसिल के टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने से कम होगा गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ: AEPC

AEPC ने शनिवार के दिन यह बयान दिया है कि GST काउंसिल के 1 जनवरी 2022 से टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने के फैसले से मैनमेड फाइबर (MMF) फैब्रिक्स और गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ कम होगा।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 05:19 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:51 AM (IST)
GST काउंसिल के टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने से कम होगा गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ: AEPC
GST काउंसिल के टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने से कम होगा गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ

नई दिल्ली, पीटीआइ। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (AEPC) ने शनिवार को कहा कि, "GST काउंसिल के 1 जनवरी, 2022 से टेक्सटाइल पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को सही करने के फैसले से मैनमेड फाइबर (MMF) फैब्रिक्स और गारमेंट्स पर टैक्स का बोझ कम होगा।" GST काउंसिल ने 17 सितंबर को अपनी हालिया बैठक में 1 जनवरी, 2022 से जूते और वस्त्रों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने पर सहमति व्यक्त की। AEPC के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि, "GST काउंसिल के इस निर्णय से उद्योग को काफी बड़ी राहत होगी। संशोधन से मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) कपड़े और कपड़ों पर कर का बोझ कम होगा।"

loksabha election banner

इसके अलावा शक्तिवेल ने यह भी कहा कि, "एमएमएफ फैब्रिक सेगमेंट (फाइबर और यार्न) में इनपुट पर 18 फीसदी और 12 फीसदी की जीएसटी दर लगती है, जबकि एमएमएफ फैब्रिक पर जीएसटी की दर 5 फीसदी और तैयार माल के परिधान के लिए 5 फीसदी और 12 फीसदी है। यह एक कर संरचना बनाता है जहां इनपुट पर दर आउटपुट पर अधिक होती है और इससे एमएमएफ कपड़े और कपड़ों के कराधान की प्रभावी दर बढ़ जाती है और फाइबर न्यूट्रैलिटी के सिद्धांत का उल्लंघन होता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि, "30 सितंबर, 2022 तक भारत से भारत के बाहर जहाज और हवाई मार्ग से माल के परिवहन पर जीएसटी छूट की वैधता बढ़ाने के जीएसटी परिषद के फैसले से मौजूदा अत्यधिक माल ढुलाई लागत के प्रभाव को कम करने में आंशिक रूप से मदद मिलेगी।"

GST काउंसिल की बैठक

17 सितंबर के दिन लखनऊ में GST काउंसिल की 17 वीं बैठक आयोजित हुई थी। जिसमें GST Council ने कई फैसलों में कोविड-19 से संबंधित दवाओं पर रियायती दरों की समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की 45वीं बैठक के समापन के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि हमने कुछ अनुकूल फैसले किए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.