Move to Jagran APP

Air India में 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचेगी सरकार, 17 मार्च बोली लगाने की आखिरी तारीख

रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एयर इंडिया एक्‍सप्रेस में अपनी 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी और ज्‍वाइंट वेंचर AISATS में 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचेगी।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 12:10 PM (IST)
Air India में 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचेगी सरकार, 17 मार्च बोली लगाने की आखिरी तारीख
Air India में 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचेगी सरकार, 17 मार्च बोली लगाने की आखिरी तारीख

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सरकार ने सोमवार को Air India में 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचने को लेकर आरंभिक सूचना जारी की है। बोली दस्‍तावेज के अनुसार, रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकार एयर इंडिया एक्‍सप्रेस में अपनी 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी और ज्‍वाइंट वेंचर AISATS में 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बेचेगी। सफल बोली लगाने वाले को एयरलाइन का मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 17 मार्च है।

loksabha election banner

AISATS एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस का संयुक्‍त उद्यम है जिसमें दोनों की बराबर की हिस्‍सेदारी है।एआईसैट्स हवाईअड्डों पर विमानों के खड़े होने और उनके रखरखाव इत्यादि की सेवाएं देती है। Air India की हिस्‍सेदारी एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज, एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और एयरलाइन एलाइड सर्विसेज एंड होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में भी है। बोली दस्‍तावेज के अनुसार, इन इकाइयों को एक अलग कंपनी एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) में प्रक्रिया चल रही है और प्रस्‍तावित हिस्‍सेदारी की बिक्री में इन्‍हें शामिल नहीं किया जाएगा। 

बोली दस्‍तावेज के अनुसार, विनिवेश के समाप्‍त होने तक एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्‍सप्रेस पर 23,286 करोड़ रुपये का कर्ज बना रहेगा। शेष कर्ज को AIAHL को ट्रांसफर किया जाएगा। एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया के लेनदेन की सलाहकार कंपनी EY है। बोली दस्तावेजों के अनुसार, बिकवाली के लिए एफडीआई पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

बता दें कि दो साल से भी कम समय में एअर इंडिया को बेचने की यह सरकार की दूसरी कोशिश है। पिछली बार सरकार का एयर इंडिया को बेचने का प्रयास सफल नहीं हुआ था। साल 2018 में सरकार ने एयर इंडिया (Air India) में 76 फीसद हिस्सेदारी और प्रबंधकीय नियंत्रण को निजी हाथों में देने के लिए निविदा जारी की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.