IRCTC में अपनी कुछ और हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, विनिवेश लक्ष्य पूरा करने में मिलेगी मदद
BSE पर IRCTC के शेयर की कीमत पिछले सत्र के बंद भाव से 1.20 फीसद की गिरावट 1346.65 रुपये पर रहा। (PC ANI)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार चालू वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) में कुछ और हिस्सेदारी बेचने की योजना पर काम कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने बिक्री प्रक्रिया के प्रबंधन के लिए मर्चेंट बैंकर्स से निविदाएं आमंत्रित की है। डिपार्टमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) आमंत्रित करते हुए कहा है कि भारत सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिए IRCTC में अपनी हिस्सेदारी के कुछ हिस्से का विनिवेश करना चाहती है। मर्चेंट बैंकर्स को 10 सितंबर तक बोली प्रस्तुत करना है।
IRCTC में इस समय सरकार की हिस्सेदारी 87.40 फीसद पर है। सेबी के नियमों के अनुसार सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसद पर लाना है।
BSE पर IRCTC के शेयर की कीमत पिछले सत्र के बंद भाव से 1.20 फीसद की गिरावट 1,346.65 रुपये पर रहा।
रेलवे के लिए कैटरिंग सर्विस उपलब्ध कराने, रेल टिकट की ऑनलाइन बिक्री और रेलवे स्टशनों एवं ट्रेनों में बोतलबंद पानी बेचने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से अधिकृत IRCTC को अक्टूबर, 2019 में स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध किया गया। कंपनी ने IPO के जरिए 645 करोड़ रुपये जुटाए थे।
IRCTC के ऑफर फॉर सेल के जरिए सरकार को 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य की तरफ बढ़ने में मदद मिलेगी। इस लक्ष्य में से सरकार पब्लिक सेक्टर कंपनियों के विनिवेश के जरिए 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाएगी। वहीं, वित्तीय संस्थाओं की हिस्सेदारी की बिक्री के जरिए अन्य 90,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
चालू वित्त वर्ष में दीपम किसी भी CPSE में हिस्सेदारी की बिक्री नहीं कर पाया है क्योंकि कोरोनावायरस महामारी से इक्विटी मार्केट पर असर देखने को मिला है। हालांकि, Bharat Bond ETF-II के जरिए सरकार ने CPSE के 'AAA' रेटिंग वाले बॉन्ड के जरिए 11,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
दीपम के सचिव तुहीन कांता पांडे ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगे पाबंदियों से एयर इंडिया और बीपीसीएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है लेकिन इन सौदों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।