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किसानों की आमदनी दोगुना करने के क्रम में रिकॉर्ड 29.83 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित

मानसून की अच्छी बारिश के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर फसल वर्ष 2020-21 में 29.83 करोड़ टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

By Manish MishraEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 11:25 AM (IST)
किसानों की आमदनी दोगुना करने के क्रम में रिकॉर्ड 29.83 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित
किसानों की आमदनी दोगुना करने के क्रम में रिकॉर्ड 29.83 करोड़ टन खाद्यान्न के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मानसून की अच्छी बारिश के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर फसल वर्ष 2020-21 में 29.83 करोड़ टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय खरीफ सम्मेलन-2020 के दौरान इसकी घोषणा की गई। सम्मेलन के दौरान खाद्यान्न की पैदावार व उत्पादकता बढ़ाकर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषक सुरक्षा पर बल दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा, ‘किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसे मिशन मोड में लिया जाना चाहिए।’

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कोरोना वायरस की महामारी के चलते तोमर इस बार खरीफ सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन की खेती में राज्यों की जरूरतों को मंत्रलय पूरा करेगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य फसलों की पैदावार बढ़ाने की रणनीति पर राज्यों के साथ विचार कर समस्याओं का समाधान करना था। तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण असाधारण स्थिति उत्पन्न हुई है, जिसका सभी लोगों को मिलकर समाधान करना है। प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए तोमर ने कहा कि उनकी सरकार इस संकट में गांव, गरीब और किसान को उबारने का हर संभव उपाय करेगी।

सम्मेलन के दौरान कृषि मंत्रालय की ओर से आगामी फसल वर्ष की तस्वीर पेश की। इसके मुताबिक फसल वर्ष 2020-21 के दौरान फसल उत्पादन का लक्ष्य 29.83 करोड़ टन निर्धारित किया गया है। इसमें आगामी खरीफ सीजन में 14.99 करोड़ टन और रबी सीजन में 14.84 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि वर्ष 2019-20 में 29.10 करोड़ टन पैदावार हुई।

खाद्यान्न के साथ बागवानी फसलों की खेती पर सरकार का जोर है, जिस पर कई राज्यों की अर्थव्यवस्था आधारित है। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। आगामी खरीफ सीजन में दलहन व तिलहन की खेती का विस्तार करने और उत्पादन बढ़ाने की बात कही गई।

खाद्य तेलों के मामले में देश आत्मनिर्भर नहीं है। घरेलू जरूरतों के 60 फीसद से अधिक खाद्य तेलों का आयात किया जाता है। इसका उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का पूरा जोर है। सभी राज्यों से इस पर अमल करने को कहा गया।

खरीफ फसलों की तैयारियों को लेकर चर्चा में सभी राज्यों से उनकी आवश्यकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी गई। उन्नत बीज, फर्टिलाइजर, कीटनाशक और सिंचाई से जुड़ी जरूरतों के बारे में उनकी राय मांगी गई। मानसून के समय पर आने और सामान्य बरसात होने के अनुमान के मद्देनजर खरीफ की तैयारियों को अंजाम देने की अपील की गई।


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