EPS में 12 फीसद के सरकारी योगदान से पैदा होंगी 1 करोड़ नौकरियां
नियोक्ता की ओर से कर्मचारी के एंप्लॉई पेंशन स्कीम (ईपीएस) में किए जाने वाले योगदान में से सरकार 8.33 फीसद हिस्सा वहन करती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार का मानना है कि अगर वह कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 12 फीसद हिस्सा खुद वहन करती है, जिसे नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों के लिए शुरुआती तीन वर्षों के लिए पेंशन के एवज में जमा कराना होता है तो इससे एक करोड़ नौकरियों का सृजन हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने बीते दिन नए कर्मचारियों के लिए शुरुआती तीन वर्षों के लिए पूरे 12 फीसद के योगदान भुगतान को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बताया, “हमारी सरकार रोजगार सृजन को लेकर प्रतिबद्ध है।” साल 2016 में लागू की गई योजना के तहत यह प्रावधान था कि सरकार नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले पेंशन अंशदान में से 8.33 फीसद का भुगतान करे।
गंगवार ने बताया, “हमने इस स्कीम के दायके का विस्तार किया है। अब यह फैसला किया गया है कि अपैरल, गारमेंट और टेक्सटाइल सेग्मेंट में नियोक्ता की ओर से किए जाने वाले पेंशन योगदान का पूरा 12 फीसद हिस्सा सरकार खुद वहन करे।” उन्होंने कहा कि अगस्त 2016 में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के लॉन्च होने के बाद से अब तक 30 लाख कर्मचारियों को फायदा हो चुका है।
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि सरकार का यह फैसला रोजगार सृजन में मदद करेगा और हम इस योजना के अंतर्गत बजट को 6500 करोड़ से बढ़ाकर 10,000 करोड़ करने का प्रावधान करेंगे।” अभी तक के नियमों के मुताबिक नियोक्ता की ओर से कर्मचारी के एंप्लॉई पेंशन स्कीम (ईपीएस) में किए जाने वाले योगदान में से सरकार 8.33 फीसद हिस्सा वहन करती है। यह सुविधा पीएमआरपीवाई रोजगार योजना के तहत नए कर्मचारियों को मिलती है।