इन्फ्रा प्रोजेक्ट को तेजी से बढ़ाएगी सरकार
बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार 33 हजार करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाने की तैयारी कर रही है। कैबिनेट की निवेश संबंधी समिति [सीसीआइ] जल्द ही इन परियोजनाओं की अड़चनों को दूर करने पर मुहर लगा सकती है।
नई दिल्ली। बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार 33 हजार करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाने की तैयारी कर रही है। कैबिनेट की निवेश संबंधी समिति [सीसीआइ] जल्द ही इन परियोजनाओं की अड़चनों को दूर करने पर मुहर लगा सकती है। इनमें औद्योगिक, बिजली, तेल व गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, रेलवे और टेक्सटाइल क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल हैं।
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इन परियोजनाओं में छह आंध्र प्रदेश, चार महाराष्ट्र, तीन कर्नाटक और एक झारखंड में स्थित हैं। पर्यावरण सहित अन्य मंजूरियों में देरी के चलते इनका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली सीसीआइ इनके रास्ते की दिक्कतों को खत्म करने पर फैसला करने वाली है। शुक्रवार को ही उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि सरकार आम चुनाव से पहले आर्थिक सुधार को और रफ्तार देने के फैसले करेगी। सीसीआइ के एजेंडे में बिजली क्षेत्र की 8,214 करोड़ की परियोजनाओं पर विचार करना शामिल है। आंध्र प्रदेश में लगने वाले 1,320 मेगावाट के भावनापादु थर्मल पावर प्रोजेक्ट पर 6,570 करोड़ और 300 मेगावाट के कैजेन पावर प्रोजेक्ट पर 1,644 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ी 7,400 करोड़, तेल व गैस की 5,898 करोड़ और रेलवे की 4,247 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को भी मंजूरी मिल सकती है। वहीं, सड़क क्षेत्र की 2,203 करोड़ और बंदरगाह क्षेत्र की 3,942 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट भी अड़चनें खत्म होने के इंतजार में हैं। इनमें रेलवे की झारखंड स्थित कोडरमा-रांची और कर्नाटक स्थित हासन-बेंगलूर नई रेल परियोजनाएं शामिल हैं। वहीं, आंध्र प्रदेश में आइटीसी द्वारा लगाई जाने वाली पल्प एवं पेपर प्लांट, आंध्र प्रदेश पेपर मिल्स लिमिटेड के पेपर और सीमेंट प्लांट और एलएनजी प्रोजेक्ट पर भी सीसीआइ विचार करेगी।