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सरकार की राजकोषीय घाटे पर पैनी नजर, चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसद पर पहुंच जाने का अनुमान : वित्त मंत्री

कोरोना संकट के चलते सरकार ने चालू वित्त वर्ष में कई राहत पैकेज घोषित किए हैं। इससे देश का राजकोषीय घाटा 3.5 फीसद के अनुमान से काफी आगे निकल चुका है। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों के मुताबिक राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 फीसद रहने वाला है।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 08:40 AM (IST)
सरकार की राजकोषीय घाटे पर पैनी नजर, चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसद पर पहुंच जाने का अनुमान : वित्त मंत्री
Govt monitoring fiscal deficit carefully FM Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि की राजकोषीय घाटे की स्थिति पर पैनी नजर है। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 फीसद पर पहुंच जाने का अनुमान है। उद्योग संगठन पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का 'मूल मंत्र' यह है कि राजकोषीय घाटे से बचना संभव नहीं है। लेकिन इस संकट के सावधानीपूर्वक निदान की जरूरत है।

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कोरोना संकट के चलते सरकार ने चालू वित्त वर्ष में कई राहत पैकेज घोषित किए हैं। इससे देश का राजकोषीय घाटा 3.5 फीसद के अनुमान से काफी आगे निकल चुका है। चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों के मुताबिक राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.5 फीसद रहने वाला है। इस वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटा 6.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। 

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट पूरी तरह पारदर्शी है और सरकार ने कुछ भी छुपाया नहीं है। सरकार का जो भी आमदनी-खर्च है, वह सबके सामने है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार किसी एक डीएफआइ नहीं, बल्कि कई निजी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (डीएफआइ) की जरूरत है।

छोटे उद्यमी आसानी से ले सकेंगे 25 लाख तक के कर्ज

एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को अब 25 लाख तक के कर्ज आसानी से मिल सकेंगे। हाल ही में आरबीआइ की नई व्यवस्था से छोटे उद्यमियों को यह लाभ मिलने जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में छह करोड़ एमएसएमई हैं और इनमें से लाखों उद्यमी अकेले ही कारोबार चला रहे हैं। ये सभी माइक्रो या सूक्ष्म उद्यमी की श्रेणी में आते हैं। 

आरबीआइ की नई व्यवस्था से मुख्य रूप से इन सूक्ष्म उद्यमियों को लाभ मिलेगा। एमएसएमई अगले 31 मार्च तक पूरी तरह से सरकारी गारंटी वाले कर्ज भी ले सकते हैं जिसकी घोषणा पिछले वर्ष मई में की गई थी। उद्यमियों ने बताया कि आरबीआइ के नए प्रविधान के मुताबिक बैंक अपने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में से एमएसएमई को 25 लाख रुपये तक के कर्ज दे सकते हैं। 


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