Move to Jagran APP

ओरिएंटल इंश्योरेंस या यूनाइटेड इंडिया का हो सकता है निजीकरण, सरकार कर रही विचार

सूत्रों के मुताबिक ओरिएंटल इंश्योरेंस और चेन्नई स्थित यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस दोनों की स्थिति बेहतर है इसलिए निजी क्षेत्र की दिलचस्पी इनमें हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि निजीकरण के लिए एक बेहतर कंपनी चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है

By NiteshEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 08:23 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 02:06 PM (IST)
ओरिएंटल इंश्योरेंस या यूनाइटेड इंडिया का हो सकता है निजीकरण, सरकार कर रही विचार
Govt may consider Oriental Insurance or United India for privatisation

नई दिल्ली, पीटीआइ। ओरिएंटल इंश्योरेंस या यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में पूंजी लगाने के बाद इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार दिख रहा है, जिससे सरकार कंपनी के निजीकरण पर विचार कर सकती है। मालूम हो कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने के लिए चालू तिमाही में अतिरिक्त तीन हजार करोड़ रुपये डालने वाली है। मामले से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी। 

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक, ओरिएंटल इंश्योरेंस और चेन्नई स्थित यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस दोनों की स्थिति बेहतर है इसलिए निजी क्षेत्र की दिलचस्पी इनमें हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि निजीकरण के लिए एक बेहतर कंपनी चुनने की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है और इसे तय करने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा कि लिस्टेड न्यू इंडिया एश्योरेंस के चुने जाने से की भी संभावना है। योजना के मुताबिक, नीति आयोग निजीकरण के लिए सरकार को सिफारिश करेगा और इसके बाद वित्त मंत्रालय का निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) इस प्रस्ताव पर फैसला लेगा। 

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021-22 में दो सार्वजनिक बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण की घोषणा की थी।  न्यू इंडिया एश्योरेंस में सरकार की 85.44 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एक फरवरी को पेश हुए बजट में सीतारमण ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च किया जाएगा। एलआईसी संशोधन अधिनियम को वित्त विधेयक का हिस्सा बनाया गया है, जिसमें देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता के आईपीओ को लॉन्च करने के लिए आवश्यक विधायी संशोधन लाया गया है।

उधर, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले दिनों कहा था कि भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ के इश्यू साइज के 10 फीसद तक का हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वित्त राज्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार एलआईसी में बहुसंख्यक शेयरधारक बनी रहेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.