Myanmar से उड़द और तुअर दाल का आयात करेगा भारत, प्रोसीजर तय
भारत म्यांमा से उड़द और तुअर दाल का आयात करेगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस संबंध में जानकारी दी है। समझौते के तहत म्यांमा से ढाई लाख टन उड़द और एक लाख टन तुअर दाल के आयात को लेकर प्रक्रियाएं/तौर-तरीके तय किये गये हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत म्यांमा से उड़द और तुअर दाल का आयात करेगा। इसके लिए सरकार ने चालू वित्त वर्ष में म्यांमा से 2.5 लाख टन उड़द और एक लाख टन तुअर दाल के आयात को लेकर प्रक्रिया और तौर-तरीके तय कर दिए हैं। दाल के आयात को लेकर भारत और म्यांमा के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए हैं।
आयात केवल पांच बंदरगाहों मुंबई, तुतीकोरिन, चेन्नई, कोलकाता और हजीरा के जरिये ही किया जा सकेगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने इस संबंध में जानकारी दी है।
DGFT के मुताबिक, 'समझौते के तहत म्यांमा से ढाई लाख टन उड़द और एक लाख टन तुअर दाल के आयात को लेकर प्रक्रियाएं/तौर-तरीके तय किये गये हैं।'
दरअसल, भारत की योजना अगले पांच वर्षों में मलावी और म्यांमार से सालाना लगभग 1.5 लाख टन अरहर और 2.5 लाख टन उड़द दाल आयात करने की है ताकि किसी भी कमी को पूरा किया जा सके।
आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में केंद्र व राज्य सरकारें साथ में काम करने पर सहमत हैं। कृषि को आधुनिक बनाने के लिए जहां डिजिटल प्रणाली तैयार की जा रही है, जिससे किसानों का डाटाबेस बनेगा। ज्यादातर राज्यों ने केंद्र के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई। महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों ने केंद्र की योजनाओं के साथ अपनी ओर से संचालित योजनाओं का भी ब्योरा दिया। राज्य सरकार की ओर से मंडियों के विकास के लिए पूंजीगत मदद भी दी जा रही है। डिजिटल एग्रीकल्चर की योजना में तेजी से किसानों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
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एग्री इन्फ्रा फंड का उपयोग करने वालों को केंद्र सरकार ब्याज दर में तीन फीसद की रियायत दे रही है, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन फीसद अतिरिक्त रियायत देने की घोषणा की है।