वित्त आयोग को स्थायी दर्जा देने की योजना नहीं, आयोग की सिफारिशों पर हो रहा विचार-विमर्शः अनुराग ठाकुर
एन के सिंह के अलावा 15वें वित्त आयोग में प्रोफेसर अनूप सिंह डॉ अशोक लाहि़ड़ी पूर्व आईएएस अजय नारायण झा और प्रोफेसर रमेश चंद सदस्य के रूप में शामिल हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि सरकार की वित्त आयोग को स्थायी दर्जा देने की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में सरकार एक निश्चित अवधि के लिए वित्त आयोग का गठन करती है। ठाकुर ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि RBI आयोग को स्थायी दर्जा देने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है। वित्त आयोग की प्रमुख जिम्मेदारियां केंद्र और राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का आकलन, दोनों के बीच कर का बंटवारा एवं इससे जुड़ी नीतियों का निर्माण है।
सरकार ने नवंबर में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक साल यानी 30 अक्टूबर, 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया था। पूर्व नौकरशाह एन के सिंह वित्त आयोग के मौजूदा अध्यक्ष हैं। सिंह ने वित्त वर्ष 2020-21 से जुड़ी पहली रिपोर्ट दिसंबर, 2019 में सरकार के समक्ष पेश किया था।
ठाकुर ने सदन में कहा, ''वित्त आयोग की सिफारिशों पर मंत्रालय एवं विभिन्न विभागों के बीच विचार-विमर्श होगी और उसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।''
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर की गई कार्रवाई से जुड़ा ज्ञापन संसद के दोनों सदनों की पटल पर रखा जाएगा।
सिंह के अलावा 15वें वित्त आयोग में प्रोफेसर अनूप सिंह, डॉ अशोक लाहि़ड़ी, पूर्व आईएएस अजय नारायण झा और प्रोफेसर रमेश चंद सदस्य के रूप में शामिल हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूदा पदभार ग्रहण करने से पहले 15वें वित्त आयोग के सदस्य थे। हालांकि, आरबीआई गवर्नर के रूप में नियुक्ति के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद झा को आयोग में शामिल किया गया था।