कालेधन के खिलाफ सरकार का एक और बड़ा प्रहार, अयोग्य घोषित किए गए 3000 निदेशक
कंपनियों के फ्रॉड रोकने को सरकार बना रही Early Warning System
नई दिल्ली (जेएनएन)। नियमों को ताक पर रख कारोबार करने वाली कंपनियों के 3000 से अधिक निदेशकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इनमें से प्रत्येक निदेशक 20 से अधिक कंपनियों में निदेशक पद संभाल रहा था। गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से केंद्र सरकार लगातार कालेधन पर अंकुश लगाने तरीकों को तलाश रही है।
अयोग्य घोषित किए गए 3000 से अधिक डाइरेक्टर, नियमों को ताक पर रखकर प्रत्येक डाइरेक्टर 20 से अधिक कंपनियों में था निदेशक @JagranNews
— Harikishan Sharma (@harikishan1) November 5, 2017
जानकारी के मुताबिक 8 नवंबर, 2016 को इनमें से एक कंपनी का नेगेटिव बेलेंस था, लेकिन नोटबंदी के बाद कंपनी के बैंकखाते में 2486 करोड़ रुपये जमा हुए और निकाले गए। आपको बता दें कि कालेधन पर प्रहार करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक 2.24 लाख कंपनियां बंद कीं हैं जो कि 2 साल से अधिक समय से निष्क्रिय थीं।
डमी निदेशकों पर लगाम की तैयारी:
कालेधन पर लगाम लगाने की दिशा में सरकार ने कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही को अगले स्तर पर ले जाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार अब डमी निदेशकों पर नकेल कसने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए अब डाइरेक्ट र आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। वहीं सरकार एक नया सिस्टम भी ला रही है ताकि फ्रॉड की संभावना को रोका जा सके। अब इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early Warning System) लाया जाएगा जिसका संचालन एसएफआइओ (सीरियस फ्रॉड इन्वेसस्टिगेशन आर्गनाइजेशन) करेगा।