सोया और सूरजमुखी तेलों पर आयात शुल्क घटा, 15 फीसद से घटकर साढ़े सात फीसद हुआ
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने रिफाइंड सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल आयात शुल्क को भी 45 फीसद से घटाकर 37.5 फीसद कर दिया है। हालांकि कमी सिर्फ छह सप्ताह (30 सितंबर) के लिए की गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने कीमतों में कमी लाने के लिए कच्चे सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 15 फीसद से घटाकर साढ़े सात फीसद कर दिया। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने रिफाइंड सोया तेल और सूरजमुखी तेल पर मूल आयात शुल्क को भी 45 फीसद से घटाकर 37.5 फीसद कर दिया है। हालांकि कमी सिर्फ छह सप्ताह (30 सितंबर) के लिए की गई है।
सनविन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप बजोरिया ने कहा कि शुल्क इतने कम समय के लिए घटाया गया है कि तेल आयात के लिए अनुबंध करना और सितंबर के अंत से पहले उसे देश में ले आना संभव नहीं है। भारत मुख्य रूप से अर्जेटीना, ब्राजील, यूक्रेन और रूस से सोया और सूरजमुखी का तेल खरीदता है। सरकार ने 29 जून को कच्चे पाम तेल, रिफाइंड, ब्लीच्ड और सुगंधित पाम तेल, पामोलिन और अन्य पाम तेल पर आयात शुल्क 30 सितंबर तक घटा दिया था। कच्चा तेल और सोना के बाद खाद्य तेल भारत की तीसरी सबसे बड़ी आयातित वस्तु है।
हैंडलूम उत्पादन दोगुना करने को समिति का गठन
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने तीन वर्षो में हैंडलूम उत्पादन दोगुना और निर्यात को चौगुना करने के संबंध में एक रोडमैप का सुझाव देने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है। फैशन डिजाइन काउंसिल आफ इंडिया (एफडीसीआइ) के अध्यक्ष सुनील सेठी की अध्यक्षता वाली समिति 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि समिति उत्पादन को दोगुना करने और हैंडलूम उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार के लिए बनाए जाने वाले फ्रेमवर्क पर अपनी राय देगी। समिति के सदस्यों में निफ्ट प्रोफेसर सुधा ढींगरा, फैशन डिजाइनर सुकेत धीर, एसकेए एडवाइजर्स के एमडी सुनील अलघ और साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजिकल अपलिफ्टमेंट फाउंडेशन के चेयरमैन हेतल आर. मेहता जैसे जानकार शामिल हैं। हाल ही में कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि हथकरघा उत्पादन को तीन वर्षो में 60,000 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से दोगुना और निर्यात 2,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये किए जाने की जरूरत है।