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GST बिलों में फर्जीवाड़े को लेकर सख्त हुई सरकार, जीएसटी रजिस्ट्रेशन के तुरंत निलंबन सहित उठाये जा सकते हैं कदम

फर्जी जीएसटी बिलों के बढ़ते मामलों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र और राज्यों ने सोमवार को इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया। इस विचार-विमर्श के दौरान जीएसटी सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने और धोखाधड़ी करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन विभिन्न उपायों पर बात हुई।

By Ankit KumarEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 07:57 AM (IST)
GST बिलों में फर्जीवाड़े को लेकर सख्त हुई सरकार, जीएसटी रजिस्ट्रेशन के तुरंत निलंबन सहित उठाये जा सकते हैं कदम
फर्जी बिल की समस्या पर काबू करने के लिए जीएसटी अधिनियम में जरूरी बदलाव की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।

नई दिल्ली, पीटीआइ। फर्जी जीएसटी बिलों के बढ़ते मामलों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र और राज्यों ने सोमवार को इस विषय पर गहन विचार-विमर्श किया। इस विचार-विमर्श के दौरान जीएसटी सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाने और धोखाधड़ी करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन को निलंबित करने की प्रक्रिया को और कारगर बनाने पर बात हुई। जीएसटी परिषद की कानूनी समिति ने सोमवार को फर्जी बिल से जुड़ी धोखाधड़ियों, जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और अन्य कानूनी उपायों को और कड़ा बनाने को लेकर चर्चा की। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस दौरान फर्जी बिल की समस्या पर काबू करने के लिए जीएसटी अधिनियम में जरूरी बदलाव की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई।

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सूत्रों ने बताया कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े कानूनों के तहत डीम्ड रजिस्ट्रेशन से जुड़े प्रावधानों को और कड़ा किया जा सकता है। इससे फर्जी डीलरों द्वारा इस तरह के प्रावधानों के इस्तेमाल पर अंकुश लगाया जा सकेगा। 

सूत्रों ने बताया कि फर्जी जीएसटी बिलों के जरिए धोखाधड़ी का समय पर पता लगाने एवं उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन को निलंबित या रद्द करने से जुड़े प्रावधानों को और सरल बनाया जा सकता है। 

उन्होंने बताया है कि यह बात सामने आई है कि डेटा एनालिटिक्स तकनीक का इस्तेमाल ऐसे टैक्सपेयर्स को चिह्नित करने के लिए किया जाएगा, जिनके धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में लिप्त होने की आशंका हो सकती है। इसके बाद रजिस्ट्रेशन के निलंबन के जरिए ऐसे तत्वों के खिलाफ समन्वित कार्रवाई किए जाने की संभावना है। 

इसके बाद फील्ड ऑफिसर कारोबारी के ऑपरेशन की वास्तविकता का पता लगाने के लिए विस्तृत फिजिकल और फाइनेंशियल वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद सभी चीजों के वास्तविक पाए जाने के बाद ही कारोबारी को रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।

इन विषयों से जुड़े तौर-तरीकों पर विस्तृत चर्चा के लिए कानूनी समिति की 18 नवंबर को बैठक होगी।


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