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गेहूं पैदावार बढ़ाने पर सरकार का जोर, खाद्य मंत्रालय ने करीब 10 फीसद अधिक गेहूं खरीदने का तय किया लक्ष्य

करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेंद्र प्रताप ने बताया पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल बहुत अच्छी है। दिन में तापमान जरूर सामान्य से अधिक हो गया है लेकिन रात का तापमान सामान्य है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 08:19 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:19 AM (IST)
गेहूं पैदावार बढ़ाने पर सरकार का जोर, खाद्य मंत्रालय ने करीब 10 फीसद अधिक गेहूं खरीदने का तय किया लक्ष्य
गेहूं की पैदावार P C : Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रबी सीजन में अच्छे मौसम और रोगों का प्रकोप न होने तथा गेहूं बोआई का रकबा बढ़ जाने की वजह से उत्पादकता के साथ कुल उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया है। कृषि विज्ञानियों का दावा है गेहूं की पैदावार घोषित अनुमान के मुकाबले अधिक होगी। चालू सीजन में 10.92 करोड़ टन के साथ गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान है।

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कृषि विज्ञानियों का मानना है कि पैदावार इससे कहीं अधिक हो सकती है। चालू सीजन में गेहूं बोआई का रकबा पिछले साल के 6.20 करोड़ हेक्टेयर के मुकाबले 6.52 करोड़ हेक्टेयर हो गया है। इससे कुल उत्पादन में वृद्धि तय है। इसे देखते हुए खाद्य मंत्रालय ने आगामी खरीद सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य लगभग 10 फीसद बढ़ा दिया है, जिसकी तैयारियों के लिए सभी राज्यों को आगाह कर दिया गया है।

इस बार कुल खरीद 4.27 करोड़ टन के आसपास हो सकती है। इसमें पंजाब में 1.30 करोड़ टन, मध्य प्रदेश में 1.35 करोड़ टन, हरियाणा में 50 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 55 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य है।

करनाल स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर ज्ञानेंद्र प्रताप ने बताया पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गेहूं की फसल बहुत अच्छी है। दिन में तापमान जरूर सामान्य से अधिक हो गया है, लेकिन रात का तापमान सामान्य है। लिहाजा उत्पादकता के बहुत प्रभावित होने का खतरा नहीं है।

बनारस हिंदू विश्वविद्याल के कृषि विज्ञानी प्रोफेसर रमेश कुमार सिंह का कहना है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में हालात बहुत अच्छे नहीं है। यहां दिन के साथ रात के तापमान में भी असामान्य वृद्धि दर्ज की जा रही है। ऐसे में इस क्षेत्र की फसल की उत्पादकता में कुछ कमी आने की आशंका बनी हुई है।


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