निर्यात संबंधित बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार लेगी डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा
कस्टम के नई दिल्ली और चेन्नई एयर कार्गो कार्यालयों में निर्यात के सहायक दस्तावेज अब डिजिटल अपलोड किए जा सकेंगे
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। निर्यात में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए अब सरकार ने इसके रास्ते में आ रही प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करना शुरू कर दिया है। इसकी पहल करते हुए कस्टम के नई दिल्ली और चेन्नई एयर कार्गो कार्यालयों में निर्यात के सहायक दस्तावेज अब डिजिटल अपलोड किए जा सकेंगे। इससे निर्यात के लिए भेजे जा रहे सामान की क्लियरेंस में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने इस आशय का एक सर्कुलर भी जारी किया है।
फिलहाल यह व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जा रही है। नई दिल्ली और चेन्नई का अनुभव अगर ठीक रहता है तो धीरे-धीरे इसे अन्य कस्टम कार्यालयों पर भी लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला आयात के मामलों में सिंगल विंडो इंटरफेस उपलब्ध कराने वाले ईसंचित कार्यक्रम की सफलता के बाद लिया गया है। इसके तहत आयात संबंधी प्रक्रियाओं को पेपरलेस कर दिया गया है।
अब निर्यात के मामले में ऐसी ही व्यवस्था लागू करने की शुरुआत की जा रही है। इसके तहत निर्यात की प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप कम करके कंसाइनमेंट के क्लीयरेंस की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जा रहा है। निर्यातक अपने कंसाइनमेंट से संबंधित सभी सहायक दस्तावेज कस्टम कार्यालय की वेबसाइट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपलोड कर सकेंगे। इसके तहत सभी तरह के निर्यात को शामिल किया गया है। सीबीआइसी ने कहा है कि इन सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन भी ऑनलाइन ही होगा और सरकार के अन्य संबंधित विभागों को भी वे ऑनलाइन ही उपलब्ध होंगे।