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चीन से टेक्सटाइल आइटम के आयात को कम करने की तैयारी, आयात शुल्क में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी

चीन से आयातित टेक्सटाइल आइटम के शुल्क में बढ़ोत्‍तरी की उम्मीद की जा रही है। बाद में पूरी तरह से इन आइटम के आयात पर रोक लग सकती है।

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 09:22 PM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 07:59 AM (IST)
चीन से टेक्सटाइल आइटम के आयात को कम करने की तैयारी, आयात शुल्क में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी
चीन से टेक्सटाइल आइटम के आयात को कम करने की तैयारी, आयात शुल्क में हो सकती है बढ़ोत्‍तरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन से आने वाले टेक्सटाइल आइटम पर रोक के लिए सरकार जल्द ही फैसला कर सकती है। फिलहाल चीन से आयातित टेक्सटाइल आइटम के शुल्क में बढ़ोत्‍तरी की उम्मीद की जा रही है। बाद में, पूरी तरह से इन आइटम के आयात पर रोक लग सकती है। टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े उद्यमियों के मुताबिक चीन से टेक्सटाइल आइटम के आयात में जितनी कमी आएगी, घरेलू स्तर पर उस आइटम का उत्पादन उतना ही अधिक होने लगेगा।

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वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान भारत ने चीन से 4 अरब डॉलर के टेक्सटाइल आइटम का आयात किया। इस दौरान भारत ने चीन से 46 करोड़ डॉलर का सिंथेटिक यार्न तो 36 करोड़ डॉलर का सिंथेटिक फैबरिक का आयात किया। चीन से इस अवधि में 14 करोड़ डॉलर का जीपर, बटन और हैंगर जैसे उत्पादों का आयात किया गया जो रेडीमेड गारमेंट को तैयार करने में इस्तेमाल होते हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने चीन से 19.7 करोड़ डॉलर के अपैरल का भी आयात किया। भारत हर साल लगभग 750-800 करोड़ रुपए के सिल्क का भी चीन से आयात करता है।

कन्‍फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज (सिटी) के पूर्व अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि चीन से आने वाले सभी आइटम को घरेलू स्तर पर बनाने की क्षमता है। पोलियेेस्टर आइटम चीन भारत में डंप कर रहा है। उद्यमियों के मुताबिक मैन मेड फैबरिक व यार्न चीन से आसानी से मिलने के कारण घरेलू स्तर पर इसका उत्पादन कम होता है। गारमेंट निर्यातकों ने बताया कि जिपर, बटन जैसे आइटम का चीन से आयात पूरी तरह से बंद किया जा सकता है, सिर्फ घरेलू स्तर पर बनने वाले इन आइटम की गुणवत्ता को बेहतर करना होगा। इस काम में सरकार उम्दा मशीन के आयात पर छूट देकर उद्यमियों की मदद कर सकती है ताकि वे चीन की टक्कर का उत्पाद बना सके।

क्लोथ मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMIE) के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि उन्होंने सरकार से बांग्लादेश से आने वाले अपैरल आयात पर भी रोक लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि चीन बांग्लादेश के रास्ते अपने अपैरल को भारत में भेज रहा है और सस्ते होने की वजह से घरेलू गारमेंट निर्माता उनका मुकाबला नहीं कर पाते हैं। गारमेंट निर्माताओं का कहना है कि बांग्लादेश के साथ समझौते की वजह से भारत बांग्लादेश से आने वाले गारमेंट पर रोक नहीं लगा सकता है, लेकिन भारत बांग्लादेश के सामने यह शर्त रख सकता है कि भारत में निर्मित फैबरिक से बनने वाले गारमेंट को ही भारत में आयात की छूट होगी। मेहता के मुताबिक ऐसा करने से बांग्लादेश के रास्ते चीन के माल का आना रूक जाएगा।


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