पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार डालेगी सेंट्रल बैंक में 23.5 अरब रुपये
केंद्र सरकार सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में 2,350 करोड़ रुपये डालेगी।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्र सरकार सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में 2,350 करोड़ रुपये डालेगी। विनियामक पूंजी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष में सरकार पब्लिक सेक्टर बैंक (पीएसबी) में करीब 13,600 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है।
बताया जा रहा है कि नियामकीय पूंजी जरूरतों को बनाए रखने के लिए राशि डालनी जरूरी था। सोमवार को सरकार की ओर से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड के माध्यम से धन जारी करने की अधिसूचना जारी की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएसबी नियामक पूंजी जरूरतों का उल्लंघन करने के जोखिम का सामना कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैंक के एक सरकारी अधिकारी ने कहा है कि सरकार बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी), विजया बैंक और देना बैंक के विलय से पहले इन्हें दोबारा शुरू करने के बारे में विचार कर सकती है। अधिकारी के अनुसार, सरकार ने विलय के लिए छह महीने की समयसीमा तय की है। गौरतलब है कि सोमवार को सरकार ने देश में तीसरा सबसे बड़ा बैंक बनाने के लिए इन तीन पब्लिक सेक्टर बैंक के विलय की घोषणा की थी।
एक अंगेजी अखबार के मुताबिक इन बैंकों में उनकी पूंजी और विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विलय होने से पहले भी पुनर्पूंजीकरण हो सकता है। मालूम हो कि वित्तीय सेवा सचिव विभाग के राजीव कुमार ने कहा था कि तीन पीएसबी के विलय के लिए पूंजीगत समर्थन सुनिश्चित किया जाएगा।
जुलाई में सरकार ने इसी तरह की जरूरतों की पूर्ति के लिए पंजाब नेशनल बैंक समेत पांच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 113 अरब रुपये का निवेश किया था। तब पंजाब नेशनल बैंक में 28.2 अरब रुपये, कॉरपोरेशन बैंक में 25.5 अरब रुपये, भारतीय ओवरसीज बैंक में 21.6 अरब रुपये, आंध्र बैंक में 20.2 अरब रुपये और इलाहाबाद बैंक में 18 अरब रुपये का निवेश किया गया था।