सरकार की नहीं है Gold Amnesty Scheme लाने की कोई योजना
Gold Amnesty Schemeरिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि नई एमनेस्टी स्कीम में सोना रखने वालों को अपने कालेधन से खरीदे सोने की घोषणा करने और उस का टैक्स देने का मौका दिया जाता।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार की गोल्ड एमनेस्टी योजना लॉन्च करने की कोई योजना नहीं है। सरकारी सूत्रों से यह जानकारी पता लगी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार सोने के रूप में रखे हुए कालेधन का पता लगाने के प्रयासों के तहत गोल्ड एमनेस्टी योजना लागू करने नहीं जा रही है। यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद सामने आया है, जिसमें बताया जा रहा था कि सरकार गोल्ड एमनेस्टी स्कीम लागू करने की योजना बना रही है।
सूत्रों द्वारा कहा गया कि मीडिया में गलत रिपोर्ट किया गया है और आयकर विभाग गोल्ड एमनेस्टी स्कीम पर विचार नहीं कर रहा है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि इस समय बजट प्रोसेस चल रहा है, इस कारण इस तरह की भ्रमित करने वाली खबरें सामने आ रही हैं।
रिपोर्ट्स में बताया गया था कि साल 2017 में नोटबंदी के बाद लागू की गई एमनेस्टी स्कीम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY/IDS-II) की आंशिक सफलता के चलते लॉन्च की जा सकती है।
रिपोर्ट्स में यह बताया गया था कि नई एमनेस्टी स्कीम में सोना रखने वालों को अपने कालेधन से खरीदे सोने की घोषणा करने और उस का टैक्स देने का मौका दिया जाता। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह टैक्स किसी व्यक्ति द्वारा घोषित बिना बिल के खरीदे गए सोने की कुल मात्रा पर दिया जाता।
Finance Ministry Sources to ANI: There is no Gold amnesty scheme under consideration of Income Tax Department as being reported in media. As the budget process is on, typically these type of speculative reports do appear. pic.twitter.com/a57OJWNYoa — ANI (@ANI) October 31, 2019
ऐसा अनुमान लगाया गया है कि भारतीयों के पास कुल 20 हजार टन सोना है। हालांकि, अगर इसमें बगैर जानकारी के आयातित और पैतृक सोने को भी शामिल कर लिया जाए तो यह 25 से 30 हजार टन तक पहुंच जाएगी। वर्तमान भाव के अनुसार, इस सोने की कुल कीमत 70 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी।
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को सरकार ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया था। इसके बाद करीब 99.3 फीसद 500 और 1,000 के पुराने नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गए थे। आठ नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपये की 15.41 लाख करोड़ की करेंसी प्रचलन में थी और नोटबंदी की घोषणा के बाद 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए थे।