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आइएलएंडएफएस बोर्ड के लिए सरकार ने मांगी राहत

आइएलएंडएफएस ने भी एक याचिका दाखिल कर समूह की कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति को लेकर एक व्यवस्था की मांग की।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 10:41 AM (IST)
आइएलएंडएफएस बोर्ड के लिए सरकार ने मांगी राहत
आइएलएंडएफएस बोर्ड के लिए सरकार ने मांगी राहत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। संकटग्रस्त कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) के नव-नियुक्त निदेशकों की सुरक्षा के लिए सरकार ने सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) में एक अर्जी दाखिल की। अर्जी में मांग की गई है कि कंपनी की समाधान प्रक्रिया में भविष्य के किसी विपरीत परिणाम की स्थिति में निदेशकों को जिम्मेदार न माना जाए। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने परहेज के तहत किसी भावी मुकदमे से इन निदेशकों को बचाने के लिए एनसीएलटी, मुंबई में याचिका लगाई है।

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इस बीच आइएलएंडएफएस ने भी एक याचिका दाखिल कर समूह की कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति को लेकर एक व्यवस्था की मांग की। वीपी सिंह और रविकुमार दुरईसामी की दो सदस्यीय पीठ ने दोनों मामलों की विस्तार से सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि निश्चित की है।

आइएलएंडएफएस समूह गंभीर नकदी संकट से गुजर रहा है। समूह की कंपनियों ने अगस्त से कई डिफॉल्ट किए हैं। स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने प्रतिष्ठित बैंकर उदय कोटक की अध्यक्षता में कंपनी के एक आठ सदस्यीय बोर्ड की नियुक्ति की है। सरकार ने पुराने बोर्ड को एक अक्टूबर 2018 को भंग कर दिया था। आइएलएंडएफएस समूह पर 94,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। सरकार को कंपनी की समाधान प्रक्रिया अगले चार-पांच महीने में पूरी हो जाने की उम्मीद है।


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