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E-Commerce क्षेत्र में FDI नियमों में बदलाव करेगी सरकार, ये है खास वजह

गौरतलब है कि सरकार ने दिसंबर 2018 में ऐसा कदम उठाया था जिसके तहत उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मंच देने वाली कंपनियों को उन कंपनियों के उत्पाद बेचने से रोका था जिनमें उनकी डायरेक्ट हिस्सेदारी है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:30 AM (IST)
E-Commerce क्षेत्र में FDI नियमों में बदलाव करेगी सरकार, ये है खास वजह
Government planning tighter FDI rules for ecommerce sector

नई दिल्ली, पीटीआइ। ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलाव हो सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि एफडीआई वाली ऐसी कंपनियों को उन विक्रेताओं से उत्पाद खरीदने से रोकना है जिनमें उनकी खुद अथवा उनकी मूल कंपनी की इनडायरेक्ट हिस्सेदारी है। 

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गौरतलब है कि सरकार ने दिसंबर 2018 में ऐसा कदम उठाया था जिसके तहत उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए मंच देने वाली कंपनियों को उन कंपनियों के उत्पाद बेचने से रोका था, जिनमें उनकी डायरेक्ट हिस्सेदारी है। 

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कंपनियों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति

बता दें कि हाल के नियमों के मुताबिक, ऑनलाइन बिक्री मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनियों में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। लेकिन साथ ही साथ गोदामों में रखे तैयार माल की बिक्री करने पर रोक है। 

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सरकार का एफडीआई वाली ई- वाणिज्य कंपनियों के मामले में नियमों में बदलाव के बारे में विचार करना महत्वपूर्ण है। 

देश के व्यापारियों का संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि ई- वाणिज्य कंपनियां फेमा और एफडीआई नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। इसलिए सरकार का एफडीआई वाली ई- वाणिज्य कंपनियों के मामले में नियमों में बदलाव करना जरूरी हो गया है।  

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अमेजन और फ्लिपकार्ट की ओर से नियमों के कथित उल्लंघन संबंधी ज्ञापन को लेकर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है और साथ ही प्रवर्तन निदेशालय और रिजर्व बैंक को जरूरी कार्रवाई के लिये भेज दिया है। कैट ने यह जानकारी दी। 


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