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कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने की योजना 100 शहरों के साथ शुरू

ऑयल मार्केटिंग क्षेत्र की सरकारी कंपनियों ने यूज्ड कुकिंग ऑयल यानी खाना पकाने के बाद बच गए तेल से बायोडीजल बनाने की योजना शनिवार को 100 शहरों में लांच कर दी।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 11 Aug 2019 10:33 AM (IST)Updated: Sun, 11 Aug 2019 10:33 AM (IST)
कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने की योजना 100 शहरों के साथ शुरू
कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने की योजना 100 शहरों के साथ शुरू

नई दिल्ली, प्रेट्र। ऑयल मार्केटिंग क्षेत्र की सरकारी कंपनियों ने यूज्ड कुकिंग ऑयल यानी खाना पकाने के बाद बच गए तेल से बायोडीजल बनाने की योजना शनिवार को 100 शहरों में लांच कर दी। इस योजना का आधिकारिक शुभारंभ पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने वल्र्ड बायोफ्यूल डे के मौके पर की। इसके तहत तीनों सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आइओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) निजी कंपनियों से अभिरुचि (ईओआइ) आमंत्रित करेंगी। ये निजी कंपनियां यूज्ड कुकिंग ऑयल (यूको) से बायोडीजल उत्पादन के लिए संयंत्रों की स्थापना करेंगी।

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सरकार के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पहले वर्ष 51 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बायोडीजल खरीदने का आश्वासन उन निजी कंपनियों को देंगी। दूसरे वर्ष यह भाव 52.7 रुपये और तीसरे वर्ष 54.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया जाएगा। सरकार ने शनिवार को रीपरपस यूज्ड कुकिंग ऑयल (रुको) का स्टिकर और यूको के संग्रह के लिए मोबाइल एप्लीकेशन भी लांच किया, ताकि इसका वापस पर्यावरण में नहीं आना सुनिश्चित किया जा सके। होटल, रेस्टोरेंट और ऐसे अन्य उन सभी स्थानों पर ये स्टिकर लगाए जाएंगे, जिससे पता चलेगा कि वहां से यूको का संग्रह किया जा सकता है।

इस मौके पर प्रधान ने कहा कि यूको के अलावा भी बायोफ्यूल कई अन्य रूपों में पाया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक और बेकार है। जिस तरह अमूल घर-घर से दूध का संग्रह कर उसे व्यावसायिक उत्पादों का रूप देकर बिक्री करती है, वैसे ही हम रुको आंदोलन चलाएंगे। उन्होंने कहा कि कंप्रेस्ड बायोगैस की तरह बायोडीजल के लिए भी सबसे बड़ी समस्या इसके उठाव की गारंटी की थी। करीब 300 कंपनियों को कंप्रेस्ड बायोगैस के लिए लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआइ) दिए जा चुके हैं।

पेट्रोलियम मंत्री ने यह भी कहा कि चीन की जनसंख्या ज्यादा है। लेकिन उसका वितरण नेटवर्क उतना व्यवस्थित नहीं जितना इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी कंपनियों के साथ हमारा है। इनमें सिटी गैस वितरण कंपनियां भी शामिल हैं। प्रधान के मुताबिक देश में पेट्रोल में एथनॉल मिलाने की शुरुआत करीब पांच वर्ष पहले हुई थी, जो 1.5 फीसद से बढ़कर अब करीब आठ फीसद तक पहुंच गई है। 

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