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टेक्सटाइल के लिए पीएलआइ योजना पर काम कर रही सरकार : स्मृति ईरानी

Assocham Foundation Week 2020 इस कार्यक्रम में एसोचैम के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान एवं देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य की दिशा में उद्योग जगत की ओर से पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया।

By Ankit KumarEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 05:28 PM (IST)
टेक्सटाइल के लिए पीएलआइ योजना पर काम कर रही सरकार : स्मृति ईरानी
ईरानी ने कहा कि भारत आज पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता एवं निर्यातक बन गया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। टेक्सटाइल मंत्रालय ऐसी व्यवस्था तैयार कर रहा है, जिसके तहत टेक्निकल टेक्सटाइल और मैनमेड फाइबर सेग्मेंट को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव दिया जा सके। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने नई टेक्सटाइल नीति भी जल्द आने की बात कही। मौजूदा नीति दो दशक पहले आई थी। वर्चुअल माध्यम से एसोचैम फाउंडेशन वीक 2020 को संबोधित करते हुए केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने ये बातें कहीं। 

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उन्होंने कहा, 'कोरोना महामारी की शुरुआत में किसी को यह अंदाजा नहीं था कि भारत इसका सामना कैसे करेगा। आज टेक्सटाइल मंत्री के तौर पर मैं कह सकती हूं कि इस दौरान भारतीय कपड़ा उद्योग ने पीपीई का निर्माण कर बदलाव का सबसे बड़ा उदाहरण पेश किया। इस उद्योग ने मास्क आदि की मांग को पूरा करने में अहम योगदान दिया। कपड़ा उद्योग इसके लिए पहले से तैयार नहीं था, लेकिन चुनौती का सामना कर यह उद्योग आगे बढ़ा। इस प्रयास में सभी मंत्रालयों और उद्योग संगठनों ने भी साथ दिया।' 

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उन्होंने कहा कि भारत आज पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता एवं निर्यातक बन गया है। केंद्रीय मंत्री ने इस दौरान कृषि सुधारों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात के लिए लगातार प्रयासरत है कि एमएसपी की व्यवस्था मजबूत हो। किसानों को फसल की कीमत सीधे खाते में मिल रही है। ईरानी ने कहा कि कृषि सुधार की दिशा में अचानक कदम नहीं उठाए गए हैं।

विभिन्न उद्योगों, कृषि क्षेत्र एवं किसान संगठनों के बीच 19 साल से इन्हें लेकर चर्चा चल रही थी। इससे किसान, उद्योग जगत और आम नागरिकों का फायदा होगा। इस दौरान एसोचैम के प्रेसिडेंट निरंजन हीरानंदानी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान एवं देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य की दिशा में उद्योग जगत की ओर से पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया। 


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