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दिसंबर तक 48,000 करोड़ खर्च करेंगी सरकारी कंपनियां, इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए इन कंपनियों द्वारा किया गया खर्च महत्वपूर्ण

देश की अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ाने के लिए चौतरफा प्रयास जारी है। इसके तहत अब 14 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों को पूंजीगत खर्च में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। ये कंपनियां इस वर्ष दिसंबर अंत तक अपने पूंजीगत व्यय के तहत 48000 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 09:47 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:44 PM (IST)
दिसंबर तक 48,000 करोड़ खर्च करेंगी सरकारी कंपनियां, इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए इन कंपनियों द्वारा किया गया खर्च महत्वपूर्ण
Government companies will spend Rs 48000 crores by December to bring the economy back on track Pixabay.com

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ाने के लिए चौतरफा प्रयास जारी है। इसके तहत अब 14 केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों को पूंजीगत खर्च में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। ये कंपनियां इस वर्ष दिसंबर अंत तक अपने पूंजीगत व्यय के तहत 48,000 करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन 14 कंपनियों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास में सार्वजनिक कंपनियों के पूंजीगत व्यय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए इस खर्च में तेजी लाने की आवश्यकता है। 

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इकोनॉमी को कोरोना संकट के कुप्रभावों से निकालने में इन कंपनियों द्वारा किए गए खर्च की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) तक इन कंपनियों के लिए लक्षित पूंजीगत व्यय की 75 फीसद राशि खर्च होनी चाहिए। उन्होंने इस खर्च के लिए उचित योजना बनाने के निर्देश के साथ संबंधित सचिवों की इसकी निगरानी का निर्देश दिया। 

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पूंजीगत खर्च का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के चेयरमैन व एमडी (सीएमडी) तथा संबंधित मंत्रालय के सचिव के बीच समन्वय और बेहतर होना चाहिए।वित्त मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में इन कंपनियों के पूंजीगत व्यय के लिए 1,15,934 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। इस रकम का 75 फीसद लगभग 85,000 करोड़ रुपये होता है जिसे दिसंबर तक खर्च किया जाना है। 

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) तक इनमें से सिर्फ 32 फीसद यानी 37,423 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस प्रकार दिसंबर तक इन 14 कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। पिछले वित्त वर्ष में इन 14 कंपनियों ने पूंजीगत व्यय के रूप में 1,16,323 करोड़ रुपये खर्च किए थे जबकि उनका लक्ष्य 1,11,672 करोड़ रुपये का था।


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