UDAN फंडिंग: सरकार ने क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी लेवी को घटाकर 5,000 रुपए प्रति फ्लाइट किया
सरकार प्रमुख मार्गों पर उड़ने वाली एयरलाइनों के लिए क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी लेवी को कम कर 5,000 रुपए प्रति फ्लाइट के स्तर पर लाएगी।
नई दिल्ली(पीटीआई)। सरकार ने प्रमुख मार्गों पर उड़ने वाली एयरलाइनों के लिए क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी लेवी को कम करने का फैसला किया है। दरों में एकरूपता के लिए सरकार ने इसे 5,000 रुपए प्रति फ्लाइट निर्धारित किया है।
महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) को निधि देने के लिए- नागरिक उड्डयन मंत्रालय मुंबई और दिल्ली सहित प्रमुख घरेलू मार्गों में संचालित एयरलाइनों से हर डिपार्चर पर 8,500 रुपए की लेवी प्राप्त कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मंत्रालय ने यह तय किया है कि मेजर रूट्स (प्रमुख मार्गों पर) पर लेवी की इस दर को घटाकर 5,000 रुपए की प्रति फ्लाइट के यूनीफॉर्म रेट पर लाया जाएगा।
यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब सरकार उड़ान के लिए बोली लगाने वाले दूसरे दौर से पहले, जिसके अगले तीन महीने में होने की संभावना है, के मौजूदा नियमों को "परिष्कृत" कर रही है। जानकारी के मुताबिक उड़ान के तहत कम से कम आधी सीटें सब्सिडी वाले किराए पर उपलब्ध हैं, इसमें भाग लेने वाले वाहकों को एक निश्चित मात्रा में वायबिलिटी गैप फंडिंग (व्यवहार्यता गैप फंडिंग) प्रदान की जाएगी। यह राशि केंद्र और संबंधित राज्यों के बीच साझा की जाएगी।
क्यों शुरू हुई उड़ान:
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उड़ान का मुख्य उद्देश्य कम सेवा या सेवा से वंचित हवाई अड्डों को जोड़ना और लोगों को सस्ते में विमान यात्रा की सुविधा मुहैया कराना है। इस सेवा के तहत पहली उड़ान पिछले महीने शिमला से राष्ट्रीय राजधानी के लिए शुरू की गई थी। गौरतलब है कि उड़ान के तहत विमान टिकट के किराए की सीमा 2,500 रुपये प्रति घंटे तक सीमित है।