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Gold Price: सोने में निवेश कर काट सकते हैं चांदी, निकट भविष्‍य में छू सकता है 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्‍तर

Gold Price लघु अवधि में भाव अस्थिर हो सकता है लेकिन मध्यम अवधि का परिदृश्य अभी भी खरीदारी में तेजी आने का बना हुआ है।

By Manish MishraEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 10:11 AM (IST)
Gold Price: सोने में निवेश कर काट सकते हैं चांदी, निकट भविष्‍य में छू सकता है 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्‍तर
Gold Price: सोने में निवेश कर काट सकते हैं चांदी, निकट भविष्‍य में छू सकता है 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्‍तर

नई दिल्‍ली, नवनीत दामानी। पिछले कुछ सप्ताह से सोने की कीमतों में लगातार तेज बढ़ोत्‍तरी देखी जा रही है और इसका मूल्य बढ़ कर $1840 से अधिक हो गया है और लगभग $1870 के जितने उच्च मूल्य पर इसका व्यापार हो रहा है जो पिछले सात वर्षों में सर्वाधिक उच्च मूल्य है। सोने और चांदी दोनों के मूल्यों में आई इस अस्थिरता के लिए योगदान देने वाली प्रमुख अनिश्चितताएं अभी भी यथावत बनी हुइ हैं क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की तीव्रता सप्ताह दर सप्ताह निरंतर बढ़ती जा रही है। हांगकांग का मुद्दा भी इस समग्र संकट के दबाव को और अधिक बढ़ा रहा है, कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की बढ़ती संख्या और अन्य मुद्दे भी सोने के मूल्य में बढ़ोतरी होने के लिए सहायक हो रहे हैं। 

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भले ही विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने कोविड-19 के प्रभाव के कारण लगाए गए लॉकडाउन को कुछ सप्ताह पहले पूर्ण या आंशिक रूप से हटाने का निर्णय लिया, लेकिन यह रोग अभी भी लाखों लोगों के लिए खतरा बना हुआ है, 14 मिलियन से अधिक लोगों के प्रभावित होने तथा आधे मिलियन से अधिक लोगों की मृत्यु होने की रिपोर्ट मिली हैं। विभिन्न अर्थव्यवस्थाएं फिर से शुरू हो गई हैं और वापस सामान्य होने जा रही हैं, हालांकि दर्ज किए जा रहे मामलों की संख्या कम नहीं हो रही है।

कई कंपनियों ने विभिन्न परीक्षणों में सफलता प्राप्त की है और वे जल्द से जल्द सकारात्मक परिणाम लाने का हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन जब तक कि जन सामान्य का उपचार करने के लिए कोई आधिकारिक एंटीडोट विकसित नहीं होता है और नए मामलों तथा मौतों की संख्या में कमी नहीं होती है तब तक घबराहट की यह स्थिति बाजार को प्रभावित करती रहेगी और इससे कीमती धातुओं के मूल्यों में तेजी बनी रहेगी। 

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध अर्थव्यवस्था को फिर से अपनी गिरफ्त में ले रहा है और इससे समग्र संकट और अधिक बढ़ता जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन ने अपनी टिप्पणियों से यह स्पष्ट कर दिया है कि निकट भविष्य में व्यापार सौदे का 'द्वितीय चरण' संभव नहीं हो सकता है। वास्तव में, दोनों के बीच परस्पर की गई भद्दी टिप्पणियों के कारण इस वर्ष के आरंभ में हस्ताक्षरित किए गए प्रथम चरण के सौदे की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। संयुक्त राज्य अमेरिका से कृषि खरीद किए जाने के प्रावधान का अनुपालन करने के विषय में चीन के प्रयासों को दर्शाने वाले कुछ आंकड़े प्राप्त हुए थे, लेकिन पारस्परिक टिप्पणियों और हांगकांग के मुद्दे ने दोनों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। 

पिछले सप्ताह में संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के अधिकारियों की ओर से की गई टिप्पणियों में वायरस का प्रसार जारी रहने के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ने के विषय में चिंताएं व्यक्त की गई थीं। ईसीबी और बीओजे दोनों केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा और संबंधित अर्थव्यवस्था पर शांतिवादी दृष्टिकोण व्यक्त किया। पिछले महीने, ईसीबी ने अपने महामारी से संबंधित आपातकालीन खरीद कार्यक्रम (पैंडेमिक इमरजेंसी परचेज प्रोग्राम) का €600 बिलियन तक विस्तार किया, जिससे जून 2021 तक, या जब तक बैंक की दृष्टि में संकट समाप्त नहीं हो जाता तब तक की अवधि हेतु परिनियोजित करने के लिए स्टीमुलस प्रोग्राम का आकार $1.54 ट्रिलियन तक कर दिया गया। दूसरी ओर, बैंक ऑफ जापान ने अपने विकास के विषय में अपने पूर्वानुमानों को संशोधित किया और चेतावनी दी कि जोखिमों के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी आ सकती है।

Gold Outlook (गोल्‍ड का आउटलुक)

इस सप्ताह ज्‍यादा बड़े आर्थिक आंकड़े नहीं आने वाले हैं। हालांकि, अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों पर बाजार प्रतिभागियों की नजर बनी रहेगी। कोविड-19 का सामना करने के लिए राजनेताओं द्वारा किए गए उपायों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा क्योंकि यह सोने जैसे अत्यधिक जोखिम-संवेदनशील बाजारों को प्रेरित करने वाला प्रमुख कारक बना हुआ है। लघु अवधि में भाव अस्थिर हो सकता है, लेकिन मध्यम अवधि का परिदृश्य अभी भी खरीदारी में तेजी आने का बना हुआ है।

हम यह आशा करते हैं कि सामयिक सुधारों के साथ सोने में भी उतार चढ़ाव आते रहेंगे और हम निवेशकों को सुझाव देते हैं कि वे 2020 में 54,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत का लक्ष्य रखकर और अगले 18 महीनों में 65,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत का लक्ष्य रखकर सोने की कीमतों में आने वाली कमी के हर अवसर का उपयोग सोने की खरीदारी करने के लिए कर सकते हैं। 

(लेखक मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटीज रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं। निवेश से पहले अपने अपने निवेश सलाहकार की सलाह अवश्‍य ले लें।) 


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