Gold के सिर्फ Hallmark गहने इस तारीख से बिकेंगे, जानिए ग्राहक पर क्या पड़ेगा असर
Gold jewellery hallmarking 15 जून से जरूरी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू करने की समयसीमा एक जून से बढ़ाकर 15 जून तक कर दी है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Gold jewellery hallmarking 15 जून से जरूरी हो जाएगी। केंद्र सरकार ने सोमवार को स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों के लिए अनिवार्य रूप से हॉलमार्किंग व्यवस्था लागू करने की समयसीमा एक जून से बढ़ाकर 15 जून तक कर दी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ।
क्या होगा असर
15 जून से जौहरियों को सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की इजाजत होगी। BIS अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। वर्तमान में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है।
2019 में आया था Hallmarking का आदेश
बता दें कि नवंबर 2019 में सरकार ने स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों पर ‘हॉलमार्किंग’ 15 जनवरी, 2021 से अनिवार्य करने की घोषणा की थी। हालांकि जौहरियों की महामारी के कारण समयसीमा बढ़ाने की मांग के बाद इसे 4 महीने आगे एक जून कर दिया गया था। गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता को प्रमाणित करता है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है।
पहले यह 1 जून, 2021 से होनी थी
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि Covid महामारी के मद्देनजर सरकार ने संबंधित पक्षों के इसे क्रियान्वित करने और इससे जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए और समय देने के अनुरोध को स्वीकार किया है। स्वर्ण आभूषण पर हॉलमार्किंग व्यवस्था 15 जून से शुरू होगी। पहले यह 1 जून, 2021 से होनी थी। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
तालमेल के लिए समिति बनी
समिति में उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे और ज्वेलर्स एसोसिएशन, व्यापार और हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मंत्री ने कहा, ‘‘सोने के आभूषणों में भारत के पास विश्व के बेहतरीन मानक होने चाहिए।’’
अंतरराष्ट्रीय पहचान जरूरी
गोयल ने कहा कि सोने के आभूषण को लेकर भरोसा और ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर तीसरे पक्ष के आश्वासन के माध्यम से आभूषणों/कलाकृतियों की हॉलमार्किंग जरूरी है। यह कदम भारत को दुनिया में एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगा।