पहली तिमाही में उछाल के बाद सोने के आयात में आएगी तेज गिरावट: इंडस्ट्रियल बॉडी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि पहली तिमाही में तेजी के बाद भारत के सोने के आयात में तेजी से गिरावट आ सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। पहली तिमाही में तेजी के बाद भारत के सोने के आयात तेजी से गिरावट देखने को मिलेगी। यह जानकारी बुधवार को वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने दी है। इसकी मुख्य वजह नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था (जीएसटी) और रिफाइनर्स पर सोने के आयात को लेकर सख्ती को माना जा सकता है। वहीं 2016 के 524 टन से पूरे साल का आयात थोड़ा बदल जाएगा। यह बात इंडिया के लिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमासुंदरम ने कही है।
पहली तिमाही में दोहरीकरण के साथ सोने का आयात 253 टन के स्तर तक पहुंच गया, क्योंकि 1 जुलाई (प्रस्तावित) को लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) से पहले सर्राफा कोरोबारियों में अपने स्टॉक को फिर से भरने को लेकर तेजी देखी गई है। यह आंकड़ा यह बताता है कि आयात शेष वर्ष में 271 टन तक पहुंच जाएगा, जिसका तिमाही औसत सिर्फ 90 टन है।
सोमा सुंदरम ने बताया कि टैक्स के प्रभाव के अलावा, अपरिष्कृत सोने (unrefined gold) या डोर (अशुद्ध सोना) के आयात को नए नियमों में प्रतिबंधित किया जाएगा। साथ ही इसमें उन रिफायनरियों के सोने के आयात को भी प्रतिबंधित किया जाएगा जो कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से नियंत्रित नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि अब तक, भारत की 31 बड़ी रिफाइनरियों में से केवल तीन या चार बीआईएस-मान्यता प्राप्त हैं।