Gold Hallmarking: BIS वेबसाइट पर हॉलमार्किंग के कई पहलू स्पष्ट नहीं, GJC ने उठाए सवाल
पेठे ने कहा कि वितरण भंडारण परिवहन और आभूषणों की बिक्री के लिए प्रदर्शनी (बीआइएस कानून 2016 की धारा 15 के तहत) को अनिवार्य हॉलमार्किंग से दूर रखा गया है। लेकिन इन पहलुओं को अभी तक एफएक्यू से हटाया नहीं गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की वेबसाइट पर स्वर्ण आभूषणों व कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को लेकर कई पहलू स्पष्ट नहीं किए गए हैं। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने कहा कि वेबसाइट पर प्रकाशित एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) से हॉलमार्किंग के उन प्रमुख बिंदुओं के बारे में पता नहीं चलता है, जिन पर रत्न एवं आभूषण उद्योग तथा सरकार के बीच विचार-विमर्श हुआ है।
जीजेसी ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआइएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी अस्पष्टता है। इससे सराफा कारोबारियों में असमंजस है।
संगठन ने अपने पत्र में कहा है कि 15 जून को अंशधारकों तथा सरकार के बीच हुई बैठक में विचार-विमर्श से जो बिंदु सामने आए थे, उनमें से बहुत से बिंदु वेबसाइट और एफएक्यू में शामिल नहीं हैं। जीजेसी के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा कि बैठक में इस पर बात हुई थी कि ज्वैलस को एक बार ही पंजीकरण कराना होगा और बीआइएस में उसके नवीनीकरण की जरूरत नहीं होगी। इस बारे में बीआइएस की वेबसाइट या एफएक्यू सेक्शन में कोई जिक्र नहीं किया गया है। हॉलमार्किंग सिर्फ बिक्री के पहले बिंदु पर लागू होगी, यह महत्वपूर्ण तथ्य भी एफएक्यू से गायब है।
पेठे ने कहा कि वितरण, भंडारण, परिवहन और आभूषणों की बिक्री के लिए प्रदर्शनी (बीआइएस कानून, 2016 की धारा 15 के तहत) को अनिवार्य हॉलमार्किंग से दूर रखा गया है। लेकिन इन पहलुओं को अभी तक एफएक्यू से हटाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि मैन्यूफैक्चरर्स को हॉलमार्क वाले आभूषण में अपने लोगो के इस्तेमाल का मौका दिया जाएगा, इस महत्वपूर्ण बिंदु का जिक्र अभी तक एफएक्यू में नहीं किया गया है। पेठे के अनुसार इस बारे में कहा गया था कि हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान (एचयूआइडी) को विचार-विमर्श के लिए रखा जायेगा और इस बारे में अंतिम निर्णय उच्चस्तरीय समिति द्वारा लिया जाएगा।
जीजेसी चेयरमैन के अनुसार बीआइएस एफएक्यू में 'अनिवार्य प्रणाली के तहत' खंड में कहा गया है कि पंजीकृत आभूषण विक्रेता को सामान हॉलमार्किंग के लिए भेजने से पहले बीआइएस पोर्टल पर अपलोड करना होगा और सॉफ्टवेयर पर उसकी माप करनी होगी। लेकिन बैठक में यह स्पष्ट किया गया था कि एचयूआइडी और डिजिटलीकरण केवल हॉलमार्किंग केन्द्रों तक ही सीमित रहेगा और इसमें किसी भी आभूषण निर्माता को शामिल नहीं किया जाएगा।