Gold Hallmarking इन राज्यों के अधिकांश जिलों से हो रहा शुरू, फर्स्ट फेज में 256 जिले शामिल
सरकार ने 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले सर्राफा कारोबारियों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है। उन लोगों को भी छूट दी गई है जो सरकार की व्यापार नीति के अनुसार आभूषणों का निर्यात और पुन आयात करते हैं
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश के तीन राज्य तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के अधिकांश जिलों को स्वर्ण आभूषणों (Gold jewelry) और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग (hallmarking) के पहले चरण के लिए चिन्हित किया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। सोने के गहनों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। पहले चरण में 256 जिले शामिल हैं। इससे पहले सोने की हॉलमार्किंग की व्यवस्था स्वैच्छिक थी।
उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने गोल्ड हॉलमार्किंग के पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 256 जिलों की पहचान की है। राज्यों की सूची में, अनिवार्य गोल्ड हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन के लिए तमिलनाडु से अधिकतम 24 जिलों की पहचान की गई है, इसके बाद गुजरात (23 जिले) और महाराष्ट्र (22 जिले) हैं। अनिवार्य रूप से सोने की हॉलमार्किंग के लिए पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में लगभग 19 जिलों की पहचान की गई है।
अधिसूचना के मुताबिक, दिल्ली और तेलंगाना में सात-सात जिले, जबकि आंध्र प्रदेश और पंजाब में (12 जिले), केरल (13 जिले), कर्नाटक (14 जिले) और हरियाणा (15 जिले) की पहचान की गई है। 256 जिलों के सर्राफों को गुणवत्ता के ठप्पे के साथ ही 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की अनुमति दी गई है।
सरकार ने 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले सर्राफा कारोबारियों को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी है। उन लोगों को भी छूट दी गई है जो सरकार की व्यापार नीति के अनुसार आभूषणों का निर्यात और पुन: आयात करते हैं, जो आभूषण अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के साथ-साथ सरकार की ओर से अनुमोदित बी2बी घरेलू प्रदर्शनियों के लिए होते हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। मौजूदा समय में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। भारत में करीब चार लाख आभूषण विक्रेता हैं। इसमें से केवल 35,879 बीआईएस प्रमाणित हैं। विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, भारत सालाना 700-800 टन सोने का आयात करता है।