GDP ग्रोथ 5 साल के न्यूनतम स्तर पर, राजकोषीय घाटा 3.39% पर आया, मार्च में IIP बढ़ा
आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पांच साल के सबसे निचले स्तर 6.8 फीसद पर आ गया है।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पांच साल के सबसे निचले स्तर 6.8 फीसद पर आ गया है। शुक्रवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) की ओर से जारी आंकड़ों में ये जानकारी सामने आई है।
रियल जीडीपी (2011-12) की कीमतें अब 140.78 लाख करोड़ रुपये आंकी गई हैं। वित्त वर्ष 19 के दौरान जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 2017-18 के 7.2 फीसद की तुलना में संशोधित कर 7 फीसद किया गया था।
जनवरी-मार्च तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5.8 फीसद की दर से नीचे आ गया है। इसकी मुख्य वजह पिछले नौ महीनों में कृषि, उद्योग और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मंदी बताई जा रही है। मार्च तिमाही में इसके 6.5 फीसद रहने का अनुमान जताया गया था।
राजकोषीय घाटा 3.39 फीसद पर आया
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.39 फीसद पर आ गया है, जो बजट के संशोधित अनुमानों के 3.4 फीसद से कम है। इसकी वजह मुख्य रूप से गैर-कर राजस्व में वृद्धि और व्यय में कमी रही है। 31 मार्च 2019 के अंत में राजकोषीय घाटा बजट के संशोधित अनुमानों के 6.34 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 6.45 लाख करोड़ रुपये रहा।
नियंत्रक महालेखाकार (CGA) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.39 फीसद है। हालांकि, राजकोषीय घाटा बढ़ गया है, लेकिन जीडीपी के फीसद के रूप में देखा जाए तो घाटे का आंकड़ा मामूली रूप से कम हो गया है, इसकी मुख्य वजह 2018-19 में जीडीपी विस्तार है।
मार्च में देश का औद्योगिक उत्पादन 21 महीने के निचले स्तर को छूते हुए मंदी के उच्च स्तर पर पहुंच गया। CSO के आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में कारखाना उत्पादन मार्च 2018 में 5.3 फीसद बढ़ा था।
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