Move to Jagran APP

निवेश बढ़ाने को प्राकृतिक गैस के दाम में वृद्धि जरूरी

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के लिए प्राकृतिक गैस के दाम में बढ़ोतरी के आरोप खारिज कर चुके वीरप्पा मोइली ने अब इसके लिए नई दलील दी है। पेट्रोलियम मंत्री ने निवेश बढ़ाने के लिए कीमतों में वृद्धि को जरूरी बताया है। उनका कहना है कि कंपनियों के साथ हुए उत्पादन भागीदारी करार के तहत कीमतों की समीक्षा अनिवार्य है। इस

By Edited By: Published: Wed, 12 Jun 2013 09:36 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
निवेश बढ़ाने को प्राकृतिक गैस के दाम में वृद्धि जरूरी

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा पहुंचाने के लिए प्राकृतिक गैस के दाम में बढ़ोतरी के आरोप खारिज कर चुके वीरप्पा मोइली ने अब इसके लिए नई दलील दी है। पेट्रोलियम मंत्री ने निवेश बढ़ाने के लिए कीमतों में वृद्धि को जरूरी बताया है। उनका कहना है कि कंपनियों के साथ हुए उत्पादन भागीदारी करार के तहत कीमतों की समीक्षा अनिवार्य है। इससे नीतिगत अनिर्णय की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा।

loksabha election banner

एक इंटरव्यू में मोइली ने कहा कि निवेश की योजना बनाने से पहले निवेशक जानना चाहते हैं कि किसी मसले पर सरकार का रुख क्या है। अगर हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटते हैं तो देश में कोई भी निवेश नहीं आएगा। भारत के पास कच्चे तेल आयात का बिल घटाने के पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। मगर सही कीमत और नीति के बगैर ये संसाधन जमीन के अंदर ही पड़े रहेंगे। अगर प्राकृतिक गैस का पर्याप्त दोहन होता है तो इससे तेल आयात बिल में 160 अरब डॉलर तक की कमी लाई जा सकती है।

मालूम हो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज करीब दो साल से केजी बेसिन से उत्पादित गैस की कीमत बढ़ाने की मांग कर रही है। जबकि सरकार ने मार्च 2014 तक के लिए दाम 4.2 डॉलर प्रति एमबीटीयू तय किया है। उत्पादन भागीदारी करार में भी कीमत की समीक्षा इस अवधि के बाद ही तय करने का प्रावधान है। कंपनी की मांग पर ही सरकार ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद [पीएमईएसी] के चेयरमैन सी रंगराजन की अध्यक्षता में मूल्य संशोधन के लिए एक समिति गठित की थी। समिति ने गैस के दाम में दोगुने से ज्यादा वृद्धि कर 8.8 डॉलर करने की सिफारिश की थी जिसे सरकार ने खारिज कर दिया था। इसके बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने कीमत 6.775 डॉलर प्रति एमबीटीयू करने का प्रस्ताव रखा है।

रिलायंस का पक्ष लेने के भाकपा नेता गुरुदास दास गुप्ता के आरोप पर मोइली ने कहा, 'कानून मंत्री रहते हुए मैंने ही यह सुनिश्चित कराया था कि प्राकृतिक संसाधनों पर अंतिम अधिकार देश का ही है। वह लड़ाई रिलायंस के ही खिलाफ थी। अब मुझ पर ही उसका पक्ष लेने के आरोप लग रहे हैं।' उन्होंने कहा कि गैस के दाम बढ़ने से न सिर्फ निजी कंपनियों बल्कि ओएनजीसी जैसी सरकारी कंपनियों को भी फायदा होगा। सरकारी कंपनियों के लिए तो यह कीमत इसी साल से लागू हो जाएगी, जबकि रिलायंस के लिए नई दर अप्रैल 2014 से ही प्रभावी होगी।

मोइली ने आरोप लगाया कि जो लोग तेल आयात बिल को कम होने नहीं देना चाहते हैं वहीं गैस कीमतों में समीक्षा का विरोध कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले आखिर कब तक हम दाम को कम रख पाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.